लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहींः नवजोत सिंह सिद्धू
जेल से बाहर आते ही नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा अभी लोकतंत्र नाम की कोई चीज नहीं है। पंजाब में राष्ट्रपति शासन लाने की साजिश की जा रही है, अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। पंजाब को कमजोर करने की कोशिश होगी तो कमजोर हो जाएंगे।
संविधान की ताकत रहीं संस्थाएं आज बनी गुलामः सिद्धू
नवजोत सिंह सिद्धू ने आगे कहा कि संविधान को मैं अपना ग्रंथ मानता हूं, तानाशाह हो रहा है। जो संस्थाएं संविधान की ताकत थी वही संस्थाएं आज गुलाम बन गई हैं। मैं घबराता नहीं हूं, मैं मौत से डरता नहीं हूं क्योंकि मैं जो करता हूं वो पंजाब की अगली पीढ़ी के लिए कर रहा हूं।
रिहाई में हुई देरी, नाराज दिखे सिद्धू के बेटे
सिद्धू के बाहर निकलने पर समर्थकों ने पूरे जोश से उनका स्वागत किया। इससे पहले सिद्धू की रिहाई में देरी होती रही। पहले उनकी रिहाई सुबह 11 बजे और फिर 3 बजे कही गई लेकिन वह अब करीब 6 बजे रिहा हो रहे हैं। उनके बेटे करण सिद्धू ने आरोप लगाया था बेवजह कागजी कार्रवाई की बात बोलकर लेट किया जा रहा है।
यह भी पढ़ें – नवजोत सिंह सिद्धू की रिहाई से पहले पत्नी ने किया ये इमोशनल पोस्ट 10 महीने बाद आज जेल से रिहा हो गए। वो रोड रेज के एक केस में पटियाला जेल में बंद थे। शनिवार शाम उन्हें जेल से रिहा किया गया। 1988 के केस में सिद्धू को जाना पड़ा था जेल-
सिद्धू को 1988 के रोड रेज केस में जेल जाना पड़ा था। सुप्रीम कोर्ट ने 19 मई, 2022 को क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू को एक साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। इसके अगले दिन 20 मई को उन्होंने पटियाला कोर्ट में सरेंडर किया था। सिद्धू ने एक साल में नहीं कोई पैरोल ली और नहीं ही छुट्टी। पटियाला की केंद्रीय जेल में करीब 10 महीने बिताने के बाद शनिवार को रिहा हुए।
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