केंद्र सरकार ने इंदिरा गांधी के हत्यारों का “शहीदी दिवस” मनाने के प्रयास को गंभीर मामला बताते हुए सोमवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री के हत्यारों को महिमा मंडित नहीं होने दिया जाएगा।
केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों
का “शहीदी दिवस” मनाने के प्रयास को गंभीर मामला बताते हुए सोमवार को कहा कि पूर्व
प्रधानमंत्री के हत्यारों को महिमा मंडित नहीं होने दिया जाएगा।
संसद के
दोनों सदनों में कांग्रेस के सदस्यों ने यह मामला उठाते हुए कहा कि शिरोमणि
गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने एक क लेंडर जारी किया है जिसमें गांधी के
हत्यारों को शहीद बताया गया है।
सदस्यों ने कहा कि सरकार को इस मामले में
जवाब देना चाहिए। राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के अश्विनी कुमार ने यह
मामला उठाया और कहा कि नानकशाही कैलेंडर जारी किया गया है, जिसके माध्यम से गांधी
के हत्यारों का शहीदी दिवस मनाने का प्रयास किया गया है।
उन्होंने कहा कि
गांधी ने देश की एकता और अखंडता के लिए अपनी जान दी है और सरकार को उनके हत्यारों
को शहीदी दिवस मनाने से रोकने के उपाय करने चाहिए। उनका कहना था कि यह किसी पार्टी
या राज्य का मामला नहीं है। कांग्रेस के कुछ अन्य सदस्यों ने उनकी बात का समर्थन
करते हुए शोरशराबा किया।
संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने
इसे गंभीर मामला बताया और कहा कि किसी प्रकार से गांधी के हत्यारों को महिमा म ंडित
नहीं होने दिया जाएगा। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान ही यह मामला कांग्रेस के रवनीत
सिंह ने उठाया और कहा कि एसजीपीसी ने बाकायदा कलेंडर जारी करके उन लोगों को शहीद
बताने का काम किया है जो गांधी के हत्यारे हैं।
उनका कहना था कि शहीद वह
लोग होते हैं जो सीमा पर देश के लिए जान देते हैं इसलिए सरकार को इस पर जवाब देना
चाहिए कि एसजीपीसी हत्यारों को कैसे शहीद बता रही है। इस पर अनेक विपक्षी सदस्य शोर
शराबा करते हुए सरकार से जवाब की मांग करने लगे लेकिन अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने
कहा कि हर बात का तत्काल जवाब नहीं दिया जा सकता और शून्यकाल में इस तरह की परंपरा
नहीं रही है।