आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि मौजूदा वक्त में सबसे ज्यादा जरूरी चार बातें हैं। पहली- वैक्सीन की स्वीकार्यता, दूसरी- कोविड उपयुक्त व्यवहार को उचित रूप से पालन, तीसरी- अगर जरूरी हो तो जिम्मेदारी से भरा सफर और चौथा- जिम्मेदारी के साथ त्योहार मनाना।
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कोरोना वायरस की तीसरी लहर के खतरे को लेकर सामने आई एक खुशखबरी और एक चेतावनी डॉ. भार्गव ने आगे कहा, “हमें केरल में संक्रमण के मामलों में कमी देखने को मिल रही है। अन्य राज्य भी भविष्य में होने वाली तेजी रोकने के रास्ते पर चल रहे हैं। हालांकि, त्योहार आने वाले हैं और अचानक लोगों के एक जगह जुटने से वायरस के फैलने लायक माहौल बन जाएगा।”
वैक्सीनेशन पर उन्होंने कहा, “वैज्ञानिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा चर्चा में इस समय बूस्टर डोज केंद्रीय विषय नहीं है। दो खुराक का पूर्ण टीकाकरण हासिल करना एक प्रमुख प्राथमिकता है। कई एजेंसियों ने सिफारिश की है कि एंटीबॉडी के स्तर को नहीं मापा जाना चाहिए।”
वहीं, केंद्र सरकार के स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया, “पिछले 11 सप्ताह से साप्ताहिक सकारात्मकता की दर 3 फीसदी से कम है। ऐसे 64 जिले हैं जिनमें अभी भी 5 फीसदी से ज्यादा कोविड पॉजिटिविटी देखने को मिल रही है। यह चिंताजनक राज्य हैं, जिनमें कोविड उपयुक्त व्यवहार, टीकाकरण, हालात पर नजर, जैसी नियमित निगरानी की जरूरत है।”
भूषण ने आगे कहा, “देशभर के कुल मामलों में से ज्यादातर 68 फीसदी के साथ केरल से हैं। केरल में 1.99 लाख से ज्यादा एक्टिव केस मौजूद हैं, जबकि मिजोरम, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में 10 हजार से ज्यादा एक्टिव केस मौजूद हैं।”
ऑक्सीजन की उपलब्धता केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने देश में ऑक्सीजन की उपलब्धता के बारे में जानकारी देते हुए कहा, “अभी देश में 3,631 PSA (प्रेशर स्विंग सोखना) प्लांट शुरू किए जा चुके हैं। जब ये संयंत्र चालू हो जाएंगे, तो वे 4,500 मीट्रिक टन से अधिक मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध करा सकेंगे।”
उन्होंने आगे कहा, “इनमें से 1,491 संयंत्र केंद्रीय संसाधनों के माध्यम से चालू किए जा रहे हैं- जो 2,220 मीट्रिक टन से अधिक मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध कराएंगे। राज्यों और अन्य संसाधनों से बन रहे 2,140 प्लांट- 2,289 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध कराएंगे। 1,595 संयंत्र अब तक चालू हो गए हैं- जो अस्पतालों में मरीजों को 2,0 88 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्रदान कर रहे हैं।”
मिजोरम हैं चिंता का विषय नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने कहा, “मिजोरम चिंता का विषय है। आने वाले 2-3 महीनों में, हमें किसी भी तरह के COVID मामलों में वृद्धि के प्रति सावधानी बरतनी होगी। हम सभी से आने वाली तिमाही में सावधान रहने का अनुरोध करते हैं। केरल में भी मामलों की संख्या स्थिर होते देख हम खुश हैं।”