इस बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ( ICMR ) की ओर से एक शोध किया गया है, जिसके नतीजे चौंकाने वाले हैं। इसमें बताया गया है कि गर्भवती महिलाओं ( Pregnant Woman ) को गंभीर कोरोना वायरस संक्रमण का अधिक खतरा है। यही नहीं इनमें कोरोना के बुरे साइड इफेक्ट्स भी देखने को मिल रहे हैं।
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Coronavirus In Gujarat: सूरत, राजकोट समेत गुजरात के 8 शहरों में Night Curfew का ऐलान, जानिए कब तक रहेगा लागू इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च ( ICMR ) में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि कोरोना वायरस ( Coronavirus )संक्रमण के कारण गर्भवती महिलाओं को समय से पहले डिलीवरी होने और अत्यधिक तनाव का खतरा है। यह उनमें कोरोना के सामान्य प्रभाव हो सकते हैं।
कोरोना के बाद ये बीमारियों के लक्षण
आईसीएमआर के शोध में यह भी कहा गया है कि कोरोना के साथ ही गर्भवती और बच्चे को जन्म दे चुकी महिलाओं में बुरे साइड इफेक्ट्स भी देखने को मिल रहे हैं। इसके तहत कई गंभीर बीमारियों के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, जैसे एनीमिया, टीबी और डायबिटीज जैसी बीमारियां मौत के खतरे को बढ़ा सकती हैं।
इस शोध में महाराष्ट्र में कोरोना की पहली लहर के दौरान कोविड-19 संक्रमित महिलाओं की गर्भावस्था के नतीजों का विश्लेषण किया गया है। इसके लिए महाराष्ट्र के 19 मेडिकल कॉलेजों से गर्भवती और बच्चे को जन्म दे चुकी उन महिलाओं की जानकारी जुटाई गई थी, जिन्हें कोरोना वायरस संक्रमण हो चुका था।
शोध में मार्च 2020-जनवरी 2021 के बीच कोरोना की पहली लहर के दौरान जुटाए गए 4,203 गर्भवती महिलाओं के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है। इसमें कहा गया है कि 3213 जन्म देने, 77 गर्भपात और 834 अविवाहित गर्भधारण हुए। मृत जन्म सहित गर्भावस्था/गर्भपात का अनुपात 6 फीसदी था।
534 महिलाएं यानी कुल मामलों के करीब 13 फीसदी कोरोना लक्षण वाली थीं। इनमें से 382 को हल्के लक्षण थे, 112 को मध्यम और 40 यानी करीब 7.5 प्रतिशत को गंभीर बीमारी थी। गर्भावस्था में हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त महिलाओं की संख्या 328 थी। जबकि 158 गर्भवती और बच्चे को जन्म दे चुकी महिलाओं को देखभाल की आवश्यकता थी, जिनमें से 152 महिलाओं में कोविड 19 से संबंधित परेशानियां थीं। इन सभी में सभी मामलों में मृत्यु दर 0.8 फीसदी पाई गई।
यह भी पढ़ेंः Delhi: राजधानी में 16 सितंबर से सार्वजनिक मेलों, प्रदर्शनियों को मिली मंजूरी, DDMA ने जारी किया आदेश संक्रमण फैलने का खतराशोध में इस बात का भी खुलासा हुआ कि कोरोना वायरस गर्भवती महिलाओं की बड़ी आबादी को संक्रमित कर सकता है। साथ ही बड़ी संख्या में यह मध्यम से गंभीर बीमारियों को विकसित कर सकता है।
ऐसे में कोविड-19 संक्रमित गर्भवती महिलाओं को तत्काल चिकित्सा मदद की आवश्यकता है।