ये जानकारी पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) ने एक आरटीआई के जवाब में दी है और ये आरटीआई दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने दाखिल की थी। PMO India को छात्रों ने किया डिजाइन
इसके साथ ही पीएमओ ने ये भी जानकारी दी है कि पीएम का आधिकारिक मोबाइल एप ‘PMO India’ को छात्रों ने डिजाइन किया है। इसके लिए MyGov and Google ने कॉन्टेस्ट चलाया था। इसमें छात्रों को इनाम राशि दी गई थी और इसे Google ने दिया था। इसे बनाने में इसके अलावा कोई और खर्च नही आया था।
मनीष सिसोदिया को जबाव देते हुए पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय के सोशल मीडिया अकाउंट्स की देखरेख के लिए अगल से कोई बजट नहीं है और न ही किसी तरह का खर्च किया जाता है।
Narendra Modi App पर भी खर्च नहीं आरटीआई के जवाब में पीएमओ ने ‘Narendra Modi App’ को लेकर भी साफ कर दिया कि ये एप न तो पीएमओ और न ही भारत सरकार ने बनाया है और न ही इसके देखरेख की जिम्मेदारी इनके पास है। इस एप को बीजेपी आईटी सेल ने बनाया है और वही उसकी देखरेख करती है।
होती है कमाई एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक मोदी के ‘मन की बात’ के लिए भी ऑल इंडिया रेडियो कुछ भी अलग से खर्च नहीं करता, जबकि उसे विज्ञापन से 4.78 करोड़ की कमाई हुई है।
आपको बता दें कि ट्विटर पर नरेंद्र मोदी के 28 मिलियन फॉलोअर हैं, जबकि फेसबुक पर 40 मिलियन फॉलोअर हैं। दुनिया में किसी भी नेता के इतने फॉलोअर नहीं हैं।