scriptCRPF Cobra Commandos 1st Batch Deployed In Jammu Kashmir In Between Kokernag Encounter | कोकेरनाग मुठभेड़ के बीच गृह मंत्रालय ने कश्मीर में उतारे CRPF की कोबरा कमांडो | Patrika News

कोकेरनाग मुठभेड़ के बीच गृह मंत्रालय ने कश्मीर में उतारे CRPF की कोबरा कमांडो

locationनई दिल्लीPublished: Sep 18, 2023 09:55:36 pm

Submitted by:

Anand Mani Tripathi

CRPF COBRA : गृह मंत्रालय ने पहली बार केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल CRPF की जंगल युद्ध में प्रवीण कोबरा बटालियन की तैनाती जम्मू-कश्मीर में कर दी है।

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जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में चल रही आतंकी मुठभेड़ अभी भी जारी है। इस मुठभेड़ के बीच गृह मंत्रालय ने पहली बार केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल CRPF की जंगल युद्ध में प्रवीण कोबरा बटालियन की तैनाती कर दी है। कोबरा को जंगल युद्ध करने का बहुत बेहतरीन अनुभव है। नक्सलियों का सफाया कर चुके CoBRA बटालियन के जांबाज अब आतंकियों का खात्मा करेंगे। कोबरा के कमांडोज अलकायदा के सरगाना लादेन को मार गिराने वाले अमरीकी मरीन फोर्स से भी बेहतर माने जाते हैं।

आपको बता दें यह सीआरपीएफ की विशेष गुरिल्ला युद्ध इकाई है। 2008 से 2011 के बीच गृह मंत्रालय ने 10 कोबरा इकाई तैयार की थी। इन्हें पूर्वोत्तर से लेकर मध्य भारत तक जंगल में चलाए जाने वाले उग्रवाद और नक्सल आपरेशन में प्रयोग किया गया। इस इकाई के जाबांज को कोबरा कमांडोज कहते हैं। यह 11 दिन तक बिना किसी मदद के 23 किलो वजन के साथ लड़ाई लड़ सकते हैं। झारखंड के सारंडा जंगल में यह ऐसा कर भी चुके हैं। इनसे आगे सिर्फ ब्रिटिश विशिष्ट कमांडो दस्ता'एसएएस'है जो कि 30 किलो वजन के साथ लड़ाई लड़ने की क्षमता रखता है।

अब कुपवाड़ा में कोबरा
सीआरपीएफ की कोबरा कमांडो इकाई को सबसे पहले कश्मीर घाटी में प्रशिक्षण दिया गया और फिर उन्हें कुपवाड़ा में तैनात किया गया है। बिहार और झारखंड में नक्सली हिंसा बहुत कम हो गई थी। ऐसे में अप्रैल में इन्हें कश्मीर घाटी के आपरेशन करने के लिए लाया गया। अभी तक कोबरा का उपयोग किसी आतंकरोधी आपरेशन में नहीं किया गया है लेकिन अब जल्द ही इनका प्रहार घाटी में देखने को मिलेगा।

...इसलिए पहुंचे कश्मीर
कोबरा कमांडो पूर्वोत्तर में उग्रवाद का बेहतरीन तरीके से सफाया कर चुके हैं। पूर्वोत्तर में भौगोलिक स्थिति कश्मीर की तरह ही है। वहीं झारखंड के जंगलों की तरह कश्मीर में भी जबरदस्त घने जंगल हैं। दोनों ही स्थिति में कोबारा कमांडो लड़ने में बेहतरीन हैं। यही वजह है कि इन्हें 18 सितंबर को तैनाती दी गई है। यह तैनाती उस समय हुई है जब अनंतनाग कुकेरनाग में घने जंगल के बीच छह दिन से आतंकी मुठभेड़ चल रही है।

ये है कोबरा की खासियत

कोबरा को मेरिन पैटर्न वर्दी मिलती है
कोबरा कई तकनीकी उपकरण से लैस होते है।
कोबरा के पास पैसजट हेलमेट होता है।
कोबरा के पास ‘स्टेहेलम’ जर्मन हेलमेट भी होता है।
कोबरा के पास एमटीएआर और एक्स-95 राइफल
कोबरा के पास ‘मैशे’ चाकू होता है
कोबरा के पास जीपीएस और रात का चश्मा भी होता है।

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