scriptजल्दी में हैं, तो यहां एक खबर में पढ़िए 25 जून की बड़ी और चर्चित खबरें फ़टाफ़ट अंदाज़ में | daily morning breaking news 25 june 2017 | Patrika News
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जल्दी में हैं, तो यहां एक खबर में पढ़िए 25 जून की बड़ी और चर्चित खबरें फ़टाफ़ट अंदाज़ में

भागदौड़ भरी जिंदगी में हम आपके लिए लाए हैं फ़टाफ़ट फॉर्मेट में बड़ी और दिलचस्प खबरें। अगर आप तमाम बड़ी खबरें नहीं पढ़ पाए हैं या फिर आपके पास समय की कमी है तो एक ही खबर में पढ़िए अब तक की बड़ी व महत्वपूर्ण खबरें…

Jun 25, 2017 / 09:06 am

Abhishek Pareek

9.30 बजे ऑपरेशन शुरू, आनंदपाल ने चलाई सौ से अधिक गोलियां, 10.30 आनंदपाल ढेर

सीकर।

कुख्यात पांच लाख के इनामी अपराधी आनंदपाल का अमावस की रात पुलिस और एसआेजी ने अंत कर दिया है। चूरू जिले के मालासर गांव में ढाई घंटे चली गोलीबारी के बाद आनंदपाल को मार गिराया गया। गोलीबारी में एसपी चूरू के गनमेन समेत तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने आनंदपाल के भाई विक्की और गिरोह मुख्य गुर्गे देवेन्द्र उर्फ गट्टू को गिरफ्तार कर लिया है।
ढाई घंटे तक चली गोलाबारी

पुलिस और एसओजी ने ऑपरेशन रात करीब दस बजे मालासर में श्रवण सिंह के मकान में शुरू किया। पुलिस और एसओजी की टीम ने श्रवण सिंह के मकान को घेरकर ललकारा तो आनंदपाल एके-47 से फायरिंग शुरू कर दी। इस पर पुलिस और एसओजी की टीम ने भी जवाबी फायरिंग शुरू कर दी। दोनों पक्षों की तरफ से करीब ढ़ाई घंटे तक फायरिंग के बाद रात करीब12 बजे गोली लगने से आनंदपाल की मौत हो गई। 
गोलीबार में चूरू एसपी के गनमैन धर्मपाल, एसओजी के सिपाही सोहन सिंह और सूर्यवीर घायल हो गए। घायलों को तत्काल रतनगढ़ के सरकारी अस्पताल ले जाया गया। जहां से उन्हें जयपुर रैफर कर दिया गया।
2006 में गोदारा हत्याकांड से आया चर्चा में

गैंगस्टर आनंदपाल सिंह वर्ष 2006 में नागौर के डीडवाना में हुये जीवनराम गोदारा हत्याकांड के बाद चर्चा में आया था। शराब व गैंगवार में चर्चा के आने के बाद आनंदपाल का गिरोह नागौर, सीकर, चूरू, व बीकानेर तथा अजमेर में अपनी जड़े जमाने लगा था। तीन वर्ष पहले बीकानेर में हुए गोलीकांड में आनंदपाल पर ही फायरिंग की गई थी। जिस दौरान उसके खास बलवीर बानूड़ा को गोली लग से मौत हो गई। हालांकि फायरिंग में आनंदपाल घायल हुआ था। इसके बाद से आनंदपाल ने जेल से भागने की साजिश भी रचना शुरू कर दिया था।
दो वर्ष पहले भागा था पेशी के दौरान

नागौर के कुचामन के पास पेशी के दौरान पुलिसकर्मियों को नशीली मिठाई खिलाकर आनंदपाल अपने साथियों के साथ नागौर के कुचामन से फरार हो गया था। आनंदपाल के साथ ही उसके साथी सुभाष व श्रीवल्लभ भी फरार हुए थे। जिसमें से सुभाष व श्रीवल्लभ को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। लम्बे समय से एसओजी व नागौर पुलिस ने फिल्डिंग कर आनंदपाल गिरोह पर नजर रखी हुई थी।
भाई और गुर्गे ने बताया पता

आनंदपाल का एसओजी की टीम पिछले एक माह से पीछा कर रही थी। एसओजी की टीम ने शनिवार को दिन में आनंदपाल के भाई विक्की और गुर्गे देवेन्द्र उर्फ गट्टू को हरियाणा में अपने कब्जे में ले लिया। यह कार्रवाई एसओजी के एसपी करण शर्मा और संजीव भटनागर की टीम ने की। दोनों ने पूछताछ में आनंदपाल सिंह के श्रवण सिंह के घर में होने की बात बताई। 
एसओजी के आईजी दिनेश एन. एम. ने बताया कि एसओजी टीम ने रात को मालासर गांव पहुंच गई। टीम ने बाद में इसकी सूचना चूरू पुलिस अधीक्षक को दी। एेसे में चूरू पुलिस टीम भी वहां पहुंच गई।
आनंदपाल ने चलाई सौ से अधिक गोलियां

आनंदपाल पुलिस पर लगातार फायरिंग करता रहा। उसने पुलिस के जवानों पर सौ से अधिक गोलियां दागी। पुलिस टीम ने भी लगातार फायरिंग की। दोनों तरफ से लगातार फायरिंग के बाद गोली लगने से आनंदपाल की मौत हो गई। सूत्रों के अनुसार आनंदपाल के छह गोलियां लगी है। 
आनंदपाल की मौत की पुष्टि होने के बाद एसओजी और पुलिस ने पूरे क्षेत्र को घेर लिया। वहां पर किसी को भी जाने नहीं दिया जा रहा है।

दहशत का पर्याय बना आनंदपाल
राजस्थान में दहशत का पर्याय बना था गैंगस्टर आनंदपाल सिंह। लाडनूं तहसील के गांव सांवराद में जन्मा आनंदपाल अपराध की दुनिया का बड़ा नाम माना जाता था। बुलेट प्रूफ जैकेट पहनकर खून की होली खेलना आनंदपाल का शौक रहा है। 
खतरनाक हथियारों पर आनंदपाल प्रदेश के अपराध जगत का बेताज बादशाह बनने की कोशिश कर रहा था। लूटए डकैती एवं हत्या सहित दो दर्जन से भी ज्यादा मामले दर्ज हैं आनंदपाल पर। 

गोलियों से दहशत में आया मालासर गांव
मेगा हाइवे पर रतनगढ़ और सरदारशहर के बीच मालासर गांव। रात दस बजे लोग खाना खाकर सोने की तैयारी कर रहे थे। गहरी काली रात में गोलियों की आवाज से एकाएक लोगों की नींद उड़ गई। गोलियों का केन्द्र था सड़क किनाने बना श्रवण सिंह राजपूत का घर। 
एसओजी और पुलिस की गाडि़यों के साथ वहां आसपास के लोगों की भी भीड़ जुटने लगी। लेकिन दोनों तरफ से लगातार हो रही गोलीबारी के चलते किसी की आगे जाने की हिम्मत नहीं हुई। ढाई घंटे तक लोग दहशत में रहे। आखिर रात करीब बारह बजे…सूचना बाहर आई…आनंदपाल मारा गया। इसके बाद गोलियों की आवाज थमने पर लोगों ने राहत की सांस ली।
खिड़की से भागने का किया था प्रयास

आनंदपाल श्रवण के मकान में करीब पचास फीट दूरी पर था। लगातार गोलीबारी के चलते पुलिस की अंदर घुसने की हिम्मत नहीं हुई। सूत्रों का कहना है कि इस मकान के दो दरवाजे है। आनंदपाल ने गोलीबारी के बीच ही वह पहले गेट की तरफ भागा। इस दौरान वह लगातार गोलियां चलाता रहा। 
खिड़की से भागने के प्रयास के दौरान गोली लगने से उसकी मौके ही मौत हो गई। आनंदपाल की मौत के बाद भी पुलिस ने किसी को अंदर नहीं जाने दिया। वहां पर करीब सौ से अधिक पुलिस और आरएसी के जवानों का जाब्ता तैनात था।
…दो एके 47 डबल मैगजीन रायफल मिली

सीकर। एसपी राहुल बारहट ने बताया कि पुलिस को मालासर गांव में आनंदपालसिंह के शव के पास से दो एके 47 डबल मैगजीन रायफल मिली है। इसके अलावा भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए गए हैं। 
पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट के नेतृत्व में जयपुर एसओजी, नागौर, हरियाणा व चूरू की पुलिस के करीब 30 जवानों ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है। श्रवणङ्क्षसह को हिरासत में लेकर करेंगे पूछताछ

एसपी बारहट ने बताया कि गैंगस्टर आनंदपालसिंह को घर में रखने वाले श्रवणसिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ करेगी। घटना के बाद गांव में पुलिस डेरा डाले हुए थी।
जसवंतगढ़ थाने का है हिस्ट्रीशीटर

जसवंतगढ़ पुलिस के अनुसार आनंदपालसिंह पर जसवंतगढ़ थाने में 17 मामले दर्ज हैँ। इसमें हत्या, लूट, अपहरण, मारपीट के प्रकरण शामिल हंै। यह जसवंतगढ़ थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है। जिसकी पुलिस लंबे समय से तलाश कर रही थी।
कई जमीने की कुर्क

आनंदपाल ने नागौर, लाडनूं और चूरू जिले में कई जगहों पर सरकारी व गैर सरकारी जमीनों पर कब्जा कर अन्य लोगों के नाम पट्टे जारी करवाए गए थे। तीनों जिलों की पुलिस ने इन जमीनों को मुक्त कराकर सरकार के कब्जे में ले लिया था। 
कीकासर में गैंगस्टर आनंदपाल ने बिताए थे कुछ दिन

2016 में फरारी के तुरंत बाद गैंगस्टर आनंदपालसिंह ने सरदारशहर तहसील के गांव कीकासर की रोही में पप्पूसिंह के फार्म हाउस पर बने शाही छपरे में कुछ दिन बिताए थे। टीवी, फ्रीज व कूलर जैसी सुविधाओं से युक्त इस छपरे में आनंदपाल पुलिस से सुरक्षित रहा। इसके पश्चात आनंदपाल का भाई विक्की कई दिनों तक यहां ठहरा। छपरे में दो कूलर, एक फ्रीज व एक टीवी लगे हुए थे। 
फार्म हाउस के चारों तरफ तारबंदी की हुई थी। दो प्रवेश द्वार बनाए हुए थे। खेत में लिए गए अवैध बिजली कनेक्शन से ट्यूबवैल भी चलाया जाता था। यहां खड़ी गाड़ी किसी को भी दिखाई नहीं देती। पुलिस को गाडिय़ों की दो नंबर प्लेट भी मिली थी।
पांच लाख रुपए का इनामी

अपराध की दुनिया में बढ़ते आनंदपालसिंह के कदम रोकने के लिए आईजी रैंज बीकानेर ने उसकी गिरफ्तारी पर पांच लाख रुपए का इनाम घोषित किया था।

आनंदपाल एक दिन पहले ही आया था राजस्थान, पांच दिन से एसओजी कर रही थी इंतजार
जयपुर।

राजस्थान में आंनदपाल एक दिन पहले ही आया था, लेकिन उसके आने की खबर एसओजी को सात दिन पहले ही मिल गई थी, इसकी चलते उसकी घेराबंदी की गई। एक बार फिर आंनदपाल की घेराबंदी और एनकाउंटर में एसओजी के दो एएसपी की भूमिका अहम रही। एएसपी संजीव भटनागर 2012 में फागी में आनंदपाल को पकडऩे वाली टीम में शामिल थे, जबकि करन शर्मा ने हाल में ही हाईप्रोफाइल ब्लैकमेलिंग गिरोह का खुलासा किया था। एएसपी संजीव भटनागर को ऑपरेशन आनंदपाल के लिए तैनात किया गया था। जीवन गोदारा व हरफूल हत्याकाण्ड में उसकी भूमिका सामने आई। तब उस पर राज्य सरकार की ओर से आनन्द पर एक लाख रुपए का इनाम रखा गया। इसके बाद एसओजी ने 15 सितंबर 2012 को आनंदपाल को फागी रेनवाल स्थित एक फॉर्म हाउस से दबोच लिया था। 
इस ऑपरेशन में एटीएस में तैनात तत्कालीन डिप्टी एसपी संजीव भटनागर की भूमिका अहम थी। फरारी के बाद भटनागर को 2016 में कमिश्नरेट से एसओजी में अटैच किया गया। फरवरी 2017 में जब एसओजी में एएसपी लालचंद कायल का स्थानांतरण बीकानेर हो गया तो उनकी जगह पर भटनागर को तैनात कर दिया। 
मंजीत से कई माह की पूछताछ 

एअसोजी में तैनाती से पहले ही आईजी दिनेश एमएन के नेतृत्व में एएसपी संजीव भटनागर और करन शर्मा छानबीन में लगे थे। दोनों ने कई बार आनंदपाल के जेल में बंद भाई मंजीत को रिमांड पर लेकर पूछताछ की। अजीत और सोनू पावटा से भी कई माह तक पूछताछ की। फिर एसओजी ने मोंटी और अन्य गुर्गों को रिमांड पर लिया और कई दिनों तक पूछताछ की। जिससे ही आगे के लिंक मिलते गए। 
खिड़की से भागने का किया था प्रयास 

आनंदपाल श्रवण के मकान में करीब पचास फीट दूरी पर था। लगातार गोलीबारी के चलते पुलिस की अंदर घुसने की हिम्मत नहीं हुई। सूत्रों का कहना है कि इस मकान के दो दरवाजे है। आनंदपाल गोलीबारी के बीच ही वह पहले गेट की तरफ भागा। इस दौरान वह लगातार गोलियां चलाता रहा। खिड़की से भागने के प्रयास के दौरान गोली लगने से उसकी मौके ही मौत हो गई। आनंदपाल की मौत के बाद भी पुलिस ने किसी को अंदर नहीं जाने दिया। वहां पर करीब सौ से अधिक पुलिस और आरएसी के जवानों का जाब्ता तैनात था। 
पुलिस की लूटी मिली दोनों एके-47 

आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर के बाद एसओजी को उस मकान से दो एके-47 बरामद की है। ये दोनों एके-47 पुलिस से लूटी गई थी। पहली बार आनंदपाल फरारी के दौरान शक्तिसिंह और अन्य की एके-47 लूट ले गया था। 
गोदारा हत्या से आया था चर्चा में 

आनंदपाल 2006 में नागौर के डीडवाना में हुए जीवनराम गोदारा हत्याकांड के बाद चर्चा में आया था। शराब व गैंगवार में चर्चा के आने के बाद आनंदपाल का गिरोह नागौर, सीकर, चूरू, व बीकानेर तथा अजमेर में अपनी जड़े जमाने लगा था। तीन वर्ष पहले बीकानेर में हुए गोलीकांड में आनंदपाल पर ही फायरिंग की गई थी। जिस दौरान उसके खास बलवीर बानूड़ा की गोली लगने से मौत हो गई। हालांकि फायरिंग में आनंदपाल घायल हुआ था। इसके बाद से आनंदपाल ने जेल से भागने की साजिश भी रचना शुरू कर दिया था।
आनंदपाल को पुलिस-कमांडों के 50 जवानों ने घेरा, फायरिंग हुई और आनंदपाल ढेर हो गया- IPS दिनेश एमएन

जयपुर।

सवालः क्या, आनंदपाल का एनकाउंटर हो गया, सही है यह सूचना?

दिनेश एमएन- सही है, चूरू के मालासर में एनकाउंटर हो गया। 
सवालः एनकाउंटर कैसे हुआ, क्या पकड़ में नहीं आया?

दिनेश एमएन- आनंदपाल ने एके 47 से पुलिसकर्मियों पर 100 से अधिक राउंड गोलियां चलाई, दो पुलिसकर्मी गोली लगने से घायल हो गए, जवाबी फायरिंग में आनंदपाल का एनकाउंटर हो गया।
सवालः आनंदपाल के मालासर में छिपने का पता कैसे चला?

दिनेश एमएन- एसओजी के एडिशनल एसपी संजीव भटनागर, पवन कुमार और नागौर के डिप्टी एसपी विद्याप्रकाश टीम सहित एक माह से हरियाणा में आनंदपाल गैंग की तलाश में डेरा डाले हुए थे, आनंदपाल के भार्इ विक्की और चचेरे भार्इ गट्टू को हरियाणा के सिरसा में शनिवार शाम 6 बजे पकड़ लिया गया।
सवालः आनंदपाल को पकड़ने के लिए कितने कमांडो और पुलिसकर्मी लगाए गए?

दिनेश एमएन- करीब 50 कमांडो और पुलिस के जवानों ने रात करीब 11 बजे मालासर गांव को पूरी तरह से घेर लिया। आनंदपाल के भागने के सभी रास्ते बंद कर दिए गए। लेकिन कुछ देर में ही पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू हो गई। जवाबी फायरिंग में आनंदपाल मारा गया।
सवालः आनंदपाल के भाइयों ने ही उसके छिपने की सूचना दी?

दिनेश एमएन- हां, दोनों भाइयों ने पूछताछ में बताया कि आनंदपाल मालासर में श्रवण सिंह के मकान में छिपा हुआ है। एसओजी के एडिशनल एसपी करण शर्मा व टीम चूरू में ही डेरा डाले हुए थी। तुरंत उन्हें मालासर गांव पहुंचने के निर्देश दिए। एसओजी टीम ने मालासर गांव को निगरानी में ले लिया और फिर चूरू एसपी को विशेष कमांडों के साथ मालासर मदद के लिए भेजा। 
देश में खुलेंगे 810 नए पासपोर्ट सेवा केन्द्र, अजमेर भी होगा शामिल

अजमेर।

 छोटे शहरों के लोगों को अब अपने पासपोर्ट से बनवाने सहित अन्य कार्य के बड़े शहरों का रुख नहीं करना पड़ेगा। देशभर में जल्द ही 810 नए पासपोर्ट सेवा केन्द्र खोले जाएंगे। मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स ने इसकी तैयारी शुरु कर दी है। 
द्वितीय चरण में यह पासपोर्ट सेवा केन्द्र डाक विभागअजमेर। के मुख्य डाकघरों में खोले जाएंगे जिनकी दूरी शहरी मुख्यालय के मुख्य डाकघर अथवा पास पोर्ट सेवा केन्द्र से 50 किलोमीटर दूर है। 

इन केन्द्रों को पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केन्द्र (पीओपीएसके) नाम दिया गया है। डाक विभाग राजस्थान दक्षिणी क्षेत्र के तहत आने वाले कोटा तथा झालावाड़ जिलों के मुख्य डाकघरों में पासपोर्ट सेवा केन्द्र खोले जा चुके हैं। इसके अलावा अजमेर व डूगरपुर जिलों के मुख्य डाकघर में पासपोर्ट सेवा केन्द्र खोलने के लिए जगह तलाशी जा रही है।
दक्षिणी क्षेत्र में यहां पीओपीएसके खोलने की तैयारी

द्वितीय चरण में राजस्थान डाक विभाग दक्षिणी क्षेत्र के तहत आने वाले ब्यावर, चित्तौडग़ढ़, बांसवाड़ा, टोंक, बूंदी, भीलवाड़ा ,कांकरोली तथा बांरा में पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केन्द्र (पीओपीएसके) खोले जाएंगे। इनका ब्यौरा मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स को भेजा गया है।
अजमेर में विभाग की तैयारी पूरी

अजमेर जिले में पासपोर्ट सेवा केन्द्र खोलने के लिए डाक विभाग ने तैयारी पूरी कर ली है। रीजनल पासपोर्ट अधिकारी (आपीओ) विवेक जैफ ने अजमेर के मुख्य डाकघर का निरीक्षण कर डाकघर में पासपोर्ट सेवा केन्द्र खोलने के लिए चिन्हित जगह का निरीक्षण भी कर लिया है। निर्णय अब पासपोर्ट महकमें को ही लेना है। 
पासपोर्ट सेवा केन्द्र के लिए विदेश मंत्रालय पहले ही सहमति दे चुका है। अजमेर प्रसिद्ध तीर्थस्थल पुष्कर, सम्राट पृथ्वीराज चौहान की राजधानी, ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह, आर्य समाज के प्रमुख केन्द्र होने से यहां का एतिहासिक एवं धार्मिक दृष्टि से प्रदेश में एक विशिष्ट स्थान है, जिसके कारण प्रतिदिन हजारों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटकों एवं तीर्थ यात्रियों का अजमेर में आना-जाना होता है। 
सुषमा स्वराज बोली- कतर में भारतीयों की सलामती के लिए हर मुमकिन कोशिश करेगी सरकार

नई दिल्ली।

शनिवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि कतर में मौजूद सभी भारतीयों की सुरक्षा और उनकी सलामती के लिए सरकार हर मुमकिन कोशिश करेगी। ध्यान हो कि कतर इन दिनों आर्थिक प्रतिबंध का सामना कर रहा है। जहां पिछले महीने सऊदी अरब, बहरीन, यूएई, यमन और मिस्र ने कतर से अपने सभी राजनैतिक संबंधों को खत्म कर दिए थे। जिसके बाद सुषमा स्वराज का यह ट्वीट आया है। 
दरअसल, कतर में रह रहे एक भारतीय रमन कुमार ने विदेश मंत्री से ट्वीट कर सवाल पूछा कि कतर में रह रहे भारतीयों की सुरक्षा को लेकर सरकार की क्या योजना है। इस पर सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर जवाब दिया कि और सुरक्षा से जुड़ी बातों से अवगत भी कराया। 
विदेश मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि प्लीज चिंतित नहीं हों। हम अपने सभी देशवासियों की सुरक्षा और उनकी सलामती के लिए हर तरह से कोशिश करेंगे। जो भी जरुरी होगा। साथ ही कहा कि इस मामले को देखते हुए हम कतर स्थित भारतीय राजदूत से लगातार संपर्क में है। 
गौरतलब है कि गुरुवार को सरकार ने कहा था कि कतर में रह रहे सभी भारतीय सुरक्षित हैं। साथ ही वहां से जिस भारतीय को देश वापसी करनी है, उसके लिए सरकार यात्रा से जुड़़ी सुविधा मुहैया कराने की दिशा में विशेष उड़ान की तैयारी कर रही है। 

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