scriptजल्दी में हैं, तो यहां एक खबर में पढ़िए 30 जून की बड़ी और चर्चित खबरें फ़टाफ़ट अंदाज़ में | daily morning breaking news 30 june 2017 | Patrika News

जल्दी में हैं, तो यहां एक खबर में पढ़िए 30 जून की बड़ी और चर्चित खबरें फ़टाफ़ट अंदाज़ में

Published: Jun 30, 2017 08:43:00 am

Submitted by:

Abhishek Pareek

भागदौड़ भरी जिंदगी में हम आपके लिए लाए हैं फ़टाफ़ट फॉर्मेट में बड़ी और दिलचस्प खबरें। अगर आप तमाम बड़ी खबरें नहीं पढ़ पाए हैं या फिर आपके पास समय की कमी है तो एक ही खबर में पढ़िए अब तक की बड़ी व महत्वपूर्ण खबरें…

रात 12 बजे उगेगा बड़े ‘बदलाव का सूरज’, देश में लागू होगा GST, विरोध में आज भारत बंद 

नई दिल्ली।

देश एक और बड़े बदलाव की दहलीज पर खड़ा है, 30 जून, 2017 की रात ठीक 12:00 बजे संसद के केंद्रीय कक्ष में राष्ट्रपति एक घंटा बजाएंगे और सभी जीएसटी के नए दौर में प्रवेश कर जाएंगे। सरकार इसे आजादी के जश्न की तरह मनाने जा रही है। 
यह सबसे बड़ा कर सुधार ही नहीं बल्कि विशेषज्ञों का कहना है कि इससे देश में व्यापार का तरीका ही बदल जाएगा। सरकार का दावा है कि वह तैयार है। आम खुद पर पडऩे वाले असर के आकलन में जुुटा है। कारोबारी आशंकित हैं। राजनीति भी जारी है। सरकार इसे भुनाने में जुटी है। विपक्षी साथ आने और बहिष्कार की राजनीति में लगा है। 
कांग्रेस करेगी बहिष्कार

कांग्रेस ने कहा कि वह जीएसटी समारोह का बहिष्कार करेगी। संसद भवन के सेंट्रल हॉल में आजादी से जुड़े आयोजन होते हैं। भाजपा ने आजादी के आंदोलन में भाग नहीं लिया इसलिए उसे इसकी कद्र नहीं है। कांग्रेस ने कहा है कि संसद भवन के सेंट्रल हॉल में आधी रात को होने वाले सारे कार्यक्रम आजादी से जुड़े रहे हैं। 1947 में मिली आजादी, 1972 में आजादी की सिल्वर जुबली और 1997 में आजादी की गोल्डन जुबली के कार्यक्रम आधी रात को सेंट्रल हॉल में हुए थे। बीजेपी पर आरोप लगाया कि उन्होंने आजादी के आंदोलन में हिस्सा नहीं लिया इसलिए उन्हें आजादी का मोल नहीं पता, लेकिन कांग्रेस और विपक्ष को इसकी अहमियत पता है। कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खडगे, जयराम रमेश, आनंद शर्मा और रणदीप सुरजेवाला ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस की आपत्तियां गिनाई।
भारत बंद

जीएसटी के विरोध में शुक्रवार को देशभर मेें विभिन्न संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है। भारतीय उद्योग मंडल का दावा है कि 17 हजार संगठन काम बंद रखेंगे।

GST को लेकर बोले राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, कहा- हमें एकजुट होकर बढ़ना होगा आगे…
कोलकाता।

राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने 1 जुलाई से लागू होने वाला वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) समेत इस वर्ष हुए बडे़ आर्थिक बदलावों की गुरुवार को तारीफ की। ये बातें राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी प्रणव मुखर्जी ने कोलकाता के साइंस सिटी में इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया द्वारा शिक्षाविद् और आर्थिक सुधार-लागत की भूमिका और प्रबंधन लेखाकार विषय पर आयोजित एक वैश्विक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र दौरान कही है। 
सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस साल भारत में कई अहम बदलाव हुए है जैसे कि बजट सत्र को 28 फरवरी की जगह फरवरी की पहली तारीख से शुरू किया गया और स्वतंत्र भारत के इतिहास में संसद में पहला संयुक्त बजट पेश किया जिसमे रेल बजट को भी शामिल किया गया। राष्ट्रपति ने कहा कि वित्त वर्ष एक अप्रैल से 31 मार्च तक होता है और अब इसे जनवरी-दिसम्बर किए जाने के बारे में भी सोचा जा रहा है।
राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा लाया गया जीएसटी एक जुलाई से लागू हो जाएगा और इससे पूरा भारत एक समान कर प्रणाली के तहत आ जायेगा। उनका कहना कि वह शिक्षाविद् और आर्थिक सुधार-लागत की भूमिका और प्रबंधन लेखाकार विषय पर वैश्विक सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद काफी उत्साहित हैं। 
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत विविधताओं से पूर्ण देश है जिसकी जनसंख्या 130 करोड़ है और जहां 200 भाषाएं लोगों द्बारा बोला जाता है। ये लोग सात प्रमुख धर्मों को मानने वाले हैं और तीन प्रमुख जातीय समूहों से संबंध रखते हैं तथा ये लोग एक व्यवस्था, एक झंड़े और एक संविधान के तहत रहते हैं।
उन्होंने कहा कि यहीं भारत का चरित्र है। हमें एकजुट होकर आगे बढ़ना होगा न कि अलग-अलग होकर। उन्होंने बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने की जरूरत पर बल दिया और ऐसे में जब नालंदा, तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालयों ने छात्रों और शिक्षकों का आकर्षित किया है तो प्राचीन भारत में प्रचलित उच्च शिक्षा प्रणाली की महिमा को पुनर्जीवित करने की जरूरत है। 
आनंदपाल एनकाउंटरः अनशन की स्थिति में परिवार, वकील ने कहा-मांगे पूरी होंगी तभी लेंगे शव

जयपुर/सीकर।

एनकाउंटर के बाद अब तक भी आनंदपाल के परिवार ने उसका शव नहीं लिया है। सीबीआर्इ जांच की मांग कर रहे परिवार के लोग भूखे प्यासे आनंदपाल के शव की आस में बैठे हैं। परिवार की स्थिति अनशन जैसी है। 
आनंदपाल सिंह की मां निर्मल कंवर ने कहा कि उसके बेटे की मृत्यु को छह दिन हो चुके हैं, तब से लेकर अब तक पूरा परिवार भूखा-प्यासा शव आने की आस में बैठा है। परिवार की स्थिति अनशन जैसी है। यदि किसी को कुछ भी हुआ तो जिम्मेदारी सरकार की होगी। 
मांग पूरी होने पर ही लेंगे अानंदपाल का शव- वकील

आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद गुरुवार को जयपुर पहुंचे वकील एपी सिंह ने कहा है कि सरकार उनकी मांग पूरी करेगी, तभी आनंदपाल का शव लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान के राज्यपाल, गृहमंत्री, व मुख्य न्यायाधीश, राजस्थान उच्च न्यायालय से मिला और लिखित में दिया कि आनंदपाल भागता नहीं होता तो राजनैतिक साजिश से उसकी हत्या करवा दी जाती। यह एनकाउंटर पुलिस के साथ राजनेताओं ने करवाया है। सोशल मीडिया पर रूपेन्द्रपाल उर्फ विक्की की फोटो को आनंदपाल का बताकर वायरल करने पर नागौर एसपी परिस देशमुख ने गुरुवार को प्रेस नोट जारी कर बताया कि यह भ्रामक प्रचार किया जा रहा है।
धारा 144 की समय सीमा 5 दिन बढ़ाई

आनंदपाल के एनकाउंटर के पांचवे दिन भी परिजन आनंदपाल का शव लेने को राजी नहीं हुए। वहीं, रतनगढ़ कस्बे में धारा 144 की समय सीमा पांच दिन के लिए बढ़ा दी गई है। यह आदेश चार जुलाई तक प्रभावी रहेंगे। पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
तहसीलदार की गाड़ी को आग लगार्इ

दुजोद गांव में गुरुवार को आंनदपाल समर्थकों ने धोद तहसीलदार की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया। सीकर-लोसल मार्ग पर स्थित दुजोद गांव में गुरुवार दोपहर दो बजे कुछ युवकों ने आनंदपाल के समर्थन में नारेबाजी करते हुए सड़क पर पेड़ की टहनियां डालकर जाम लगा दिया। इसी दौरान धोद तहसीलदार अशोक रणवां की गाड़ी के आने पर युवकों ने गाड़ी पर पथराव शुरू कर दिया। तहसीलदार और चालक गाड़ी छोड़कर भाग गए। बाद में युवकों ने तहसीलदार की गाड़ी के आग लगा दी। पुलिस ने आठ युवकों की पहचान कर ली है। इनमें से दो हिरासत में भी लिया गया है।
आनंदपाल एनकाउंटरः श्रीराजपूत करणी सेना का जयपुर बंद का आह्वान, राजेन्द्र गुढ़ा बोले-सरकार ने जानबूझकर मरवाया

जयपुर।

आनंदपाल एनकाउंटर मामले में श्रीराजपूत करणी सेना ने जयपुर बंद का आह्वान किया है। श्रीराजपूत करणी सेना के प्रदेशाध्यक्ष अजीत सिंह मामडोली ने बताया कि कहा कि शुक्रवार को जयपुर बंद का आह्वान किया गया है। इसके लिए उनको कई समाजों और व्यापारिक संगठनों ने बंद के लिए समर्थन भी दिया है। उन्होंने बंद को आनंदपाल के परिजनों के समर्थन में बताया और कहा कि सरकार को परिजनों की मांग पूरी करनी होगी।
कमांडो सोहन सिंह की सुरक्षा बढ़ाई जाए

वकील एपी सिंह ने कहा कि आनंदपाल को गोली मारने का श्रेय कमांडो सोहन सिंह को दिया गया। उससे यह कहलावाया भी गया है, लेकिन अब पुलिस अधिकारियों और राजनेताओं से सोहन सिंह को खतरा है। सोहन सिंह की अस्पताल में इलाज के अभाव या गलत इलाज के चलते हत्या करवाई जा सकती है। इसलिए उसकी सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करवाना चाहिए।
सरकार ने आनंदपाल को मरवाया है

सांवराद में पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आनंदपाल सिंह को सरकार ने जान-बूझकर मरवाया है, क्योंकि आनन्दपाल कई राजनेताओं के राज जानता था। जब तक सरकार सीबीआई जांच नहीं करवाती, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने कहा कि पुलिस सबूत मिटाने में लगी है। राजपूत समाज के लोगों ने गुुरुवार को नागौर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया।
देंगे ज्ञापन

श्री राजपूत सभा की संभागीय राजपूत संगठनों की बैठक गुरुवार को राजपूत सभा भवन में हुई। सभा के अध्यक्ष गिरिराज सिंह लोटवाड़ा ने बताया कि बैठक में सर्वसम्मति से एक जुलाई को रैली निकालकर आनन्दपाल सिंह के एकाउंटर की सीबीआई से जांच करवाने को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन दिया जाएगा। 
रैली में बवाल

एनकाउंटर की सीबीआई से जांच की मांग को लेकर जोधपुर में सर्व राजपूत समाज की ओर से गुरुवार शाम निकाली गई वाहन रैली से बवाल हो गया। युवकों ने दुकानों में पथराव किया। यातायात पुलिस जीप पर चढ़ कर तोडफ़ोड़ की गई। इनके खिलाफ तीन थानों में पांच मामले दर्ज किए गए।
RBI के मौन से संदेह के घेरे में नोटबंदी, इन महत्वपूर्ण सवालों के अब तक नहीं मिले संतोषजनक जवाब

जोधपुर।

नोटबंदी के फैसले को लेकर लगातार विवादों में घिरी केन्द्र सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) अब हर सवाल पर मौन है। गत वर्ष 8 नवम्बर को नोटबंदी की घोषणा के बाद कुल कितने नोट विभिन्न बैंकों के माध्यम से आरबीआई के पास लौटे? इस सवाल पर तो आरबीआई नोटों की गणना जारी होने का बहाना करते हुए चुप ही है, इस तथ्य की भी जानकारी भी नहीं दे रहा है कि नोटबंदी की घोषणा से पहले पांच सौ व एक हजार रुपए मूल्य वर्ग के कुल कितने नोट जारी किए गए थे। सूचना का अधिकार के तहत पेश एक प्रार्थना पत्र के एक हास्यास्पद जवाब में आरबीआई ने कहा है कि कुल कितने नोट जारी किए गए, यह सूचना एकत्र करने में उनके संसाधन प्रभावित होंगे। 
आरबीआई ने इस सवाल का जवाब देने से भी इनकार कर दिया कि नोटबंदी के बाद आम नागरिकों से कितनी शिकायतें प्राप्त हुई और अब तक कितने नोट वापस आरबीआई में जमा नहीं हुए। निर्दिष्ट बैंक नोट (देयताओं की समाप्ति) अध्यादेश 2016 की धारा 5 के तहत किसी निर्दिष्ट बैंक नोट को जान-बूझकर अथवा स्वच्छा से रखना अपराध है, लेकिन ऐसे एक भी प्रकरण की जानकारी आरबीआई के पास नहीं है।
आरबीआई की पारदर्शिता के हाल पर सवाल

प्रश्न. नोटबंदी से पहले 500 व 1000 रुपए के कितने नोट जारी किए गए थे?

उत्तर. यह सूचना देने में उपलब्ध संसाधनों को अत्यधिक मात्रा में लगाना पड़ेगा।
प्रश्न. नोटबंदी के बाद 500 व 1000 के कितने नोट जमा हुए ? 31 दिसम्बर, 2016 के बाद 31 मार्च, 2017 तक आरबीआई के 5 ऑफिस में कितने नोट जमा हुए? 31 मार्च, के बाद कितने नोट जमा नहीं हुए?
उत्तर. आंकड़े मिलान के अधीन हैं।

प्रश्न – पीएम मोदी की सार्वजनिक घोषणा के बावजूद आरबीआई ने 30 दिसम्बर के बाद आम नागरिकों को पुराने नोट जमा करवाने का अवसर क्यों नहीं दिया?
उत्तर – यह सूचना नहीं है।

प्रश्न – पुराने नोटों को लेकर आरबीआई को देशभर से कितनी शिकायतें प्राप्त हुई?

उत्तर – यह सूचना उपलब्ध नहीं है और एकत्र करने में स्रोत अनुपातिक रूप से विचलित होंगे।
प्रश्न. 31 दिसम्बर के बाद पुराने नोट रखना अपराध है, आरबीआई के पास ऐसे कितने मामले सामने आए?

उत्तर. वांछित सूचना उपलब्ध नहीं है।


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