अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक, डीसीपी स्पेशल सेल संजीव यादव ने बताया कि सीमापार से पहुंच रहे नकली नोटों के साथ कुछ लोगों को पकड़ा गया है। उन लोगों से आर्इएसआर्इ की सांठगांठ का खुलासा हुआ है।
नकली नोटों के पकड़े जाने के कारण अब गिराेह से जुड़े लोगों ने रूट में बदलाव किया है। जांच अधिकारियों के मुताबिक उम्दा क्वालिटी के नकली नोटों की छपार्इ कर उसे बाजार में उतारने तक उनकी कीमत आधी हो जाती है।
नकली नोट तीन श्रेणियों से होते हुए भारत पहुंचते हैं। इनमें सबसे नीचे नोटों की छपार्इ करने वाली श्रेणी होती है, उसके बाद नोटों की भारत में सप्लार्इ के लिए आर्इएसआर्इ आैर फिर भारतीय नेटवर्क काम करता है। भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिहाज से आर्इएसआर्इ इस धंधे से जुड़े लोगों की मदद करती है। इसमें सबसे बड़ा नाम दाउद इब्राहिम का है।