राष्ट्र गान की तरह वंदे मातरम को भी समान सम्मान देने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने केंद्र को 6 हफ्ते में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। केंद्र को ये नोटिस बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर जारी किया गया है।
इसके साथ ही कोर्ट ने उपाध्याय को लेकर नाराजगी भी जाहिर की है। कोर्ट ने कहा कि जब कोई याचिकाकर्ता अदालत आने से पहले ही इस मामले को मीडिया में ले जाए तो ये गलत है। कोर्ट ने कहा कि, इसका मतलब यह माना जाता है कि यह एक पब्लिसिटी स्टंट है।
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आगे ऐसा ना करने का आदेश
यही नहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने अश्वनी कुमार उपाध्याय को ऐसा ना करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि, आपको ऐसी क्या जरूरत है कि आप सबको ये बात बताएं। हालांकि उपाध्याय ने कहा कि वो आगे ध्यान रखेंगे।
टीवी, रॉकबैंड में गलत तरीके से हो रहा इस्तेमाल
उपाध्याय ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने कहा है कि यह राष्ट्रीय गान के बराबर होगा, लेकिन इसे लेकर कोई दिशा-निर्देश नहीं है। उपाध्याय ने कहा कि, वंदे मातरम् का टीवी धारावाहिकों और पार्टियों गलत इस्तेमाल किया गया है। धारावाहिकों, फिल्मों और यहां तक कि रॉक बैंड में भी वंदे मातरम बहुत ही असभ्य तरीके से गाया जा रहा है।
उपाध्याय ने कहा कि, हमारा स्वतंत्रता-संग्राम इस गीत पर आधारित था। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पहले पांच सत्रों में और हमारे प्रथम ध्वज में वंदे मातरम ही था।
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