दरअसल, स्पाइसजेट के विमानों में लगातार खराबी के मामले सामने आने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस याचिका में स्पाइसजेट लिमिटेड की सभी उड़ान सेवाओं को बंद करने के निर्देश देने की मांग की गई थी। याचिका में हाल में घटी स्पाइसजेट फ्लाइटों में आई खराबी वाली घटनाओं का भी जिक्र किया गया था। याचिका में कहा गया था कि एयरलाइन को एक बड़ी दुर्घटना को रोकने के लिए अपनी सेवा बंद कर देनी चाहिए, क्योंकि कई यात्रियों की जान-माल की खतरा हो सकता है। , क्योंकि कई यात्रियों की जान-माल को खतरा हो सकता है।
याचिकाकर्ता ने इन घटनाओं की जांच करने के लिए एक कमीशन बनाने की भी मांग की थी। याचिका में कहा गया कि इस कमीशन के द्वारा यह जांच कराई जाए कि स्पाइसजेट का संचालन ठीक ढंग से मैनेज किया जा रहा है या नहीं। इस जनहित याचिका को वकील राहुल भारद्वाज द्वारा दायर किया गया था। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ ने वकील राहुल भारद्वाज की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अदालत एक जनहित याचिका और प्रेस रिपोर्टों के आधार पर एयरलाइन के ऑपरेशन पर रोक नहीं लगा सकती है।
याचिका में उन यात्रियों को किराया शुल्क की भरपाई करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है, जिन्होंने यात्रा के दौरान अपने जीवन के खतरे का सामना किया है और उन्हें मौत के डर से मानसिक आघात का सामना करना पड़ा है। हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी इन तमाम दलीलों को दरकिनार करते हुए याचिका खारिज कर दी। दालत ने कहा, विमान अधिनियम विमानन उद्योग के संबंध में मजबूत तंत्र प्रदान करता है और यह अदालत जनहित याचिका में दिए गए अनुमानों के आधार पर किसी एयरलाइन को देश में परिचालन से नहीं रोक सकती है।
अदालत ने कहा कि DGCA ने पहले ही कार्रवाई शुरू कर दी है और वह इस मामले में आगे बढ़ने के लिए स्वतंत्र होगी। गौरतलब है कि पिछले ढाई महीने में 16 फ्लाइट्स में तकनीकी गड़बड़ी की घटनाएं सामने आई हैं। इनमें से कई विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी तो कुछ लैडिंग के बाद उड़ान ही नहीं भर सके। इन घटनाओं को लेकर DGCA ने भी इसे लेकर विमानन कंपनी को कारण बताओं नोटिस जारी किया था।