दरअसल, कर्नाटक पुलिस ने मस्जिदों को नोटिस भेजा था कि 'ध्वनि प्रदूषण नियम का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। इस नोटिस में कर्नाटक पुलिस ने कहा था कि नोटिस में मस्जिदों से निर्धारित डेसिबल स्तर के साथ ही लाउडस्पीकर इस्तेमाल करने के लिए कहा था। इस नोटिस के बाद ही कर्नाटक सरकार ने आवाज मापने वाली मशीन लगाने का निर्णय लिया है। ये मशीन मापेगी की आवाज कितनी तीव्र है और ये तय पैमाने से अधिक तो नहीं है। इस बड़े फैसले से तय मानकों के आधार पर ही अब धार्मिक स्थलों से आवाज सुनाई देगी। यदि तय मानकों का उल्लंघन हुआ तो क्या एक्शन लिया जाएगा इसको लेकर अभी तक कोई स्पष्ट नहीं हो सका है।
क्या है ध्वनि प्रदूषण जिसको लेकर जागी कर्नाटक सरकार
ध्वनि प्रदूषण या अत्यधिक शोर किसी भी प्रकार के अनुपयोगी ध्वनियों को कहते हैं, जिससे मानव और जीव जन्तुओं को परेशानी होती है। ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) 2000 के अंतर्गत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने 4 अलग-अलग प्रकार के क्षेत्रों के लिए ध्वनि मानदंड तय कर रखा है।
ध्वनि प्रदूषण या अत्यधिक शोर किसी भी प्रकार के अनुपयोगी ध्वनियों को कहते हैं, जिससे मानव और जीव जन्तुओं को परेशानी होती है। ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) 2000 के अंतर्गत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने 4 अलग-अलग प्रकार के क्षेत्रों के लिए ध्वनि मानदंड तय कर रखा है।
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