scriptगरज रहा Dollar, हाँफ रहा रुपया: रिकॉर्ड गिरावट पर वित्त मंत्री सीतारमण का आया बयान, जानिए कैसा कर रहीं पाकिस्तानी समेत दूसरी मुद्राएं | Dollar roaring, Rupee gasping: Finance Minister Sitharaman's statement | Patrika News

गरज रहा Dollar, हाँफ रहा रुपया: रिकॉर्ड गिरावट पर वित्त मंत्री सीतारमण का आया बयान, जानिए कैसा कर रहीं पाकिस्तानी समेत दूसरी मुद्राएं

locationजयपुरPublished: Jul 02, 2022 11:04:52 am

Submitted by:

Swatantra Jain

शुक्रवार 1 जुलाई को डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर 79 के पार जाकर बंद हुआ है। शुक्रवार को बाजार बंद होने के समय रुपया 79 के पार जाकर 79.10 रुपए पर ट्रेड कर रहा था। रुपए की इस गिरावट को देखते हुए अब इस मसले पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान आया है।

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यूपीए के शासन काल में वित्त मंत्री पी चिदंबरम को जो सवाल सबसे अधिक परेशान करता था और जिससे वे सबसे अधिक चिढ़ते थे, वो था कमजोर होता रुपया। वजह थी, कमजोर होते रुपए में हर एक पैसे की गिरावट भी रिकॉर्ड निचला स्तर बन जाता था। हर गिरावट के साथ प्रेस के प्रश्न भी उठते थे और ये तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम को परेशान करता था। अब जबकि एक बार फिर लगातार मजबूत होते डॉलर के सामने रुपया कमजोर हो रहा है, ये सवाल फिर से उठने लगे हैं। हालांकि ये वैसे हेडलाइन नहीं बन रहे जैसी यूपीए के जमाने में बनते थे।
भारत की स्थिति अन्य देशों से बेहतर

शुक्रवार 1 जुलाई को रुपया एक बार फिर रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ और अमरीकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारतीय मुद्रा अमरीकी डॉलर के मुकाबले अन्य वैश्विक मुद्राओं की तुलना में बेहतर स्थिति में है। वित्त मंत्री ने कहा कि, “हम अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति में हैं। हम एक बंद अर्थव्यवस्था नहीं हैं। हम वैश्वीकृत दुनिया का हिस्सा हैं। इसलिए, हम (इन वैश्विक गतिविधियों से ) प्रभावित होंगे।” वित्त मंत्री डॉलर के मुकाबले रुपये के प्रदर्शन से जुड़े एक सवाल का जवाब दे रही थीं।
डॉलर इंडेक्स में बड़ी तेजी

बता दें, रुपया बुधवार को पहली बार रुपए ने मनोवैज्ञानिक रूप से महत्वपूर्ण स्तर 79 प्रति डॉलर के स्तर को पार किया और इसके बाद लगातार रुपया मामूली उतार-चढ़ाव के साथ इसी स्तर पर बना हुआ है। हालांकि गुरुवार को जरूर रुपया शुरुआती कारोबार में घरेलू मुद्रा अमरीकी डॉलर के मुकाबले 13 पैसे बढ़कर 78.90 पर पहुंच गया था। लेकिन शुक्रवार को बाजार बंद होने के दौरान डॉलर 79.10 के स्तर तक गिरकर बंद हुआ। यही नहीं, इंट्रा ट्रेड के दौरान शुक्रवार को भारतीय रुपया डाॅलर के मुकाबले गिरकर एक समय में तो 79.12 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया था। पर इस बीच डॉलर इंडेक्स लगातार मजबूत होते दिख रहा है। डॉलर इंडेक्स पर शनिवार सुबह डॉलर तेजी के रुझान के साथ 104.88 की भारी मजबूती के साथ रिकॉर्ड मजबूती पर बना हुआ था। आपको बता दें कि रुपये में जारी गिरावट के कारण जहां आयात महंगे होते जा रहे हैं, वहीं निर्यात करना आकर्षक बनता जा रहा है।
सभी मुद्राओं में आ रही गिरावट: वित्त मंत्री

इस बारे में बोलते हुए वित्त मंत्री ने कहा है कि रिजर्व बैंक एक्सचेंज की दरों पर तत्परता से नजर बनाये हुए हैं। रुपया अकेला नहीं है जिसके मुल्य में गिरावट देखी जा रही है। एक खुली अर्थव्यवस्था के रूप में कई दूसरी मुद्राओं की तुलना में डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा का प्रदर्शन बेहतर रहा है।
सभी देशों की मुद्राएं हो रहीं कमजोर

दरअसल रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर भू-राजनीतिक तनाव, ग्रोथ से जुड़ी चिंताओं, वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की उच्च कीमतों, निरंतर मुद्रास्फीति और दुनिया भर में केंद्रीय बैंकों द्वारा कंजरवेटिव मौद्रिक नीति दृष्टिकोण अपनाने के बीच उभरते बाजारों की ही नहीं, विकसित देशों की मुद्राएं भी डॉलर के मुकाबले गिर रही हैं। दुनिया भर के देशों में डॉलर को जमा किए जाने का रुझान लगातार बढ़ता जा रहा है।
यूरो 11 फीसदी, पाउंड 13 और पाकिस्तानी रुपया हो चुका है 31 प्रतिशत कमजोर

दरअसल हकीकत यही है कि लगभग सभी मुद्राएं डॉलर के मुकाबले गिर रही हैं, और रुपया अन्य मुद्राओं के मुकाबले सबसे कम गिरा है। 2022 की पहली छमाही में रुपया 6 प्रतिशत ही गिरा है। इसकी तुलना में यूरो में 11.6 फीसदी, येन में 19.2 फीसदी और पाउंड में 13.2 फीसदी की गिरावट आई है। चीन का युआन कम (3.6 फीसदी) गिरा है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और निश्चित रूप से पाकिस्तान की मुद्राएं अधिक गिर गई हैं। पिछले वित्त वर्ष से पाकिस्तानी मुद्रा रुपया तो 31 प्रतिशत से अधिक कमजोर हो चुकी है और फिलहाल पाकिस्तानी रुपया डॉलर के बरक्स 205 रुपया प्रति डॉलर पर ट्रेड कर रहा है। आरबीआई की ओर से गुरुवार को जारी की गई फाइनेंशियल स्टैबिलिटी रिपोर्ट (FSR) में भी कहा गया है कि रुपया कई दूसरी मुद्राओं की अपेक्षा डॉलर के मुकाबले बेहतर स्थिति में है। 25वीं FSR रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय रूपया डॉलर के मुकाबले अपने समकक्ष की मुद्राओं की तुलना में बेहतर स्थिति में है। इसलिए अगर ये कहा जाए कि रुपया डॉलर को छोड़कर लगभग सभी मुद्राओं के मुकाबले मजबूत हुआ है, तो गलत नहीं होगा। पर ये चर्चा बाद में, फिलहाल बात करते हैं रुपए की कमजोरी की।
आयात हो रहा है महंगा

फिलहाल भारत की सबसे बड़ी चिंता ये है कि गिरते रुपए के कारण देश के आयात पर तुरंत असर पड़ेगा और यह महंगा हो जाएगा। भारत की बड़ी चिंता यही है। इसलिए गोल्ड के आयात को काबू में लाने के लिए भारत ने गोल्ड के आयात पर तुरंत प्रभाव से ड्यूटी 7.50 से बढ़ाकर 12.50 प्रतिशत कर दी है। सरकार की दूसरी चिंता क्रूड ऑयल भी है। इसलिए पेट्रोल और डीजल के एक्सपोर्ट के निर्यात पर भी रोक लगाई गई है, जिससे हमारे क्रूड आयात का बिल काबू में रहे। यह बात स्वीकार करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि रुपए की एक्सचेंज वैल्यू एक ऐसी चीज है जिस पर हम नजर बनाए हुए हैं और बहुत सजग हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि हमारे देश के कई उद्योग अपने उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले जरूरी सामानों के लिए आयात पर निर्भर करते हैं।
कम हो रहा भारतीय रिजर्व

कमजोर होते रुपए के चलते, कोई हैरानी की बात नहीं है कि भारत की विदेशी मुद्रा भंडार भी लगातार कम हो रहा है। आपको बता दें कि फरवरी महीने में रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई शुरू होने के बाद भारत के केन्द्रीय बैंक आरबीआई ने अपने पास विदेशी मुद्रा भंडार में पर्याप्त बढ़ोतरी कर ली थी, ताकि वह भारतीय रुपये में आने वाली तेज गिरावट से गिरावट से उसे बचा सके। वहीं, 25 फरवरी के बाद से भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार में 40.94 बिलियन अमरीकी डॉलर की कमी आ चुकी है।
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