बता देंं कि आदिवासी समाज से ताल्लुक रखने वालीं द्रौपदी मुर्मू करीब छह साल तक झारखंड की राज्यपाल रही हैं। मुर्मू ओडिशा के रायरंगपुर की रहने वाली हैं। मुर्मू 64 साल की हैं। बताया जा रहा है कि द्रौपदी मुर्मू 25 जून को नामांकन दाखिल कर सकती हैं। बीजेपी ने अपने सभी केंद्रीय मंत्रियों को 24 और 25 जून को दिल्ली में रहने को कहा है।
आज की संसदीय बोर्ड की बैठक में हम सभी लोग इस मत पर आए कि भाजपा और NDA अपने सभी घटक दलों के साथ बातचीत करते हुए हम राष्ट्रपति के लिए अपना प्रत्यासी घोषित करें।
— BJP (@BJP4India) June 21, 2022
NDA की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को घोषित किया गया है।
- श्री @JPNadda pic.twitter.com/xpjENO3o0F
बता दें कि विपक्षी दलों ने आज यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना साझा उम्मीदवार घोषित कर दिया था। उसके बाद आज शाम दिल्ली में बीजेपी पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक हुई। जिसमें पीएम मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी सहित कई बड़े नेता मौजूद है।
बता दें कि ओडिशा की रहने वाली द्रौपदी मुर्मू दो बार विधायक और एक बार राज्यमंत्री के रूप में कार्य कर चुकीं है। द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला राज्यपाल के रूप में 18 मई 2015 को शपथ ली थीं। पांच वर्ष का कार्यकाल 18 मई 2020 को पूरा हो गया था, बाद में कोरोना के कारण राष्ट्रपति द्वारा नई नियुक्ति नहीं किये जाने के कारण उनके कार्यकाल का विस्तार हो गया था।
मुर्मू अपने पूरे कार्यकाल में कभी विवादों में नहीं रहीं। जनजातीय मामलों, शिक्षा, कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य को लेकर वो हमेशा सजग रहीं। राज्यपाल के कार्यकाल में कई विवि के कुलपति व प्रतिकुलपति की नियुक्ति कीं। 10 दिसंबर 2016 को सभी विवि के लिए लोक अदालत लगाने का कार्य किया।
बता दें कि, इससे पहले मंगलवार सुबह जेपी नड्डा के आवास पर नड्डा और अमित शाह के बीच राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर अहम बैठक हुई थी। इसके बाद नड्डा, अमित शाह और राजनाथ सिंह ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात भी की थी।
दरअसल, बीजेपी ने जेपी नड्डा और राजनाथ सिंह को देश के सभी राजनीतिक दलों से बातचीत करने का जिम्मा सौंपा था लेकिन विपक्षी दलों द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त उम्मीदवार घोषित करने के बाद यह तय हो गया है कि देश के अगले राष्ट्रपति के लिए चुनाव होगा।