इसके अलावा, यशवंत जाधव द्वारा नियंत्रित प्रधान डीलर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के विदेशी लेन-देन पर भी संदेह है। ED फेमा के तहत इन लेनदेन की जांच कर रहा है। इसके अलावा जाधव ने अपने रिश्तेदारों के जरिए भारी निवेश किया। ईडी इस बात की जांच करेगा कि यह निवेश कैसे किया गया।
आयकर विभाग ने की संपती कुर्क
इससे पहले मुंबई के आयकर विभाग ने यशवंत जाधव के 5 करोड़ रुपये के फ्लैट सहित 41 संपत्तियों को कुर्क किया था। जिन संपत्तियों को कुर्क किया गया था उसमें भायखला में बिलखडी चैंबर बिल्डिंग में 31 फ्लैट, बांद्रा में 5 करोड़ रुपये का फ्लैट के अलावा भायखला में होटल क्राउन इंपीरियल शामिल थे। इस दौरान आयकर विभाग ने यशवंत जाधव से कई दिनों तक पूछताछ भी की थी जिसमें चौंकाने वाले खुलासे सामने आए थे।
आयकर विभाग को संदेह है कि इनमें से अधिकांश संपत्ति काले धन से खरीदी गई थी जो जाधव ने 2018 से मार्च 2022 के बीच BMC के स्थायी समिति के अध्यक्ष रहते हुए जमा किये थे। इस मामले में आयकर विभाग ने जाधव के बहनोई विलाश मोहिते और उनके भतीजे विनीत जाधव को भी अपना बयान दर्ज करने के लिए बुलाया था। ये दोनों ही उनके वित्तीय और कंपनी के लेनदेन को संभाल रहे थे।
आयकर विभाग को यशवंत जाधव की एक डायरी भी मिली है जिसमें उन्होंने संदिग्ध तरीके से करोड़ों रुपये का उल्लेख किया है। इस डायरी में उद्धव ठाकरे के आवास ‘मातोश्री’ को लेकर करोड़ों की एंट्री की गई है। इसको लेकर उद्धव ठाकरे बीजेपी के निशाने पर आ गए हैं। हालांकि, जब इसको लेकर पूछताछ की गई तो उन्होंने कहा कि वो अपनी माता को मतोश्री कहते हैं।
इसके अलावा डायरी में दो और नाम थे। उनमें से पहले का नाम ‘केबलमैन’ था और उसने 1 करोड़ 25 लाख रुपये का भुगतान करने की सूचना दी थी। अब प्रवर्तन निदेशालय ने भी यशवंत जाधव को पूछताछ के लिए समन जारी किया है। ऐसे में जाधव के लिए मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं।