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ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक को ED ने भेजा समन, शिक्षक भर्ती मामले में 13 जून को होगी पूछताछ

locationनई दिल्लीPublished: Jun 09, 2023 06:44:22 am

Submitted by:

Paritosh Shahi

ED Summons Abhishek Banerjee: शिक्षक भर्ती मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी फिर से ED के रडार पर हैं। इस मामले में पहले भी केंद्रीय जांच एजेंसी इनसे पूछताछ कर चुकी है।

ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक को ED ने भेजा समन, शिक्षक भर्ती मामले में होगी पूछताछ

ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक को ED ने भेजा समन, शिक्षक भर्ती मामले में होगी पूछताछ

ED Summons Abhishek Banerjee: ममता बनर्जी के दो बेहद करीबी रिश्तेदार भ्रष्टाचार के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के शिकंजे में कसते नजर आ रहे हैं। कोयला घोटला मामले में गुरुवार 8 जून को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की पत्नी से रुजिरा बनर्जी से पूछताछ की। इसी बीच ईडी ने शिक्षक भर्ती मामले में तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी को समन भेजा है। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक उन्हें 13 जून को ईडी के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित कार्यालय में आने के लिए कहा गया है। बता दें कि, ईडी ने अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा से कोयला घोटाला मामले में चार घंटे पूछताछ की। अधिकारियों के हवाले से बताया कि जांचकर्ताओं के पास रुजिरा से पूछताछ के लिए तीन पेज में प्रश्न थे। जिसमें उनसे विदेशी बैंकों में कुछ खातों के बारे में पूछताछ की गई, जिसके बाद उनका बयान दर्ज किया गया।


क्या है शिक्षक भर्ती घोटाला

अभिषेक बनर्जी को जिस मामले में ईडी ने समन भेजा है, वो मामला क्या है और कितना गंभीर है इस बारे में आपको बताएं तो बंगाल में हुआ यह घोटाला 2014 का है। तब पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (SSC) ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती निकाली। प्रक्रिया 2016 में शुरू हुई थी। उस वक्त पार्थ चटर्जी शिक्षा मंत्री थे।

इस मामले में गड़बड़ी की कई शिकायतें कोलकाता हाईकोर्ट में दाखिल हुई थीं। याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि जिन कैंडिडेट के नंबर कम थे उन्हें मेरिट लिस्ट में टॉप पर रखा गया। क्योंकि उन टॉपरों का संबंध ममता के कैबिनेट के कुछ बड़े नामों से था, जिनकी इस सरकार में तूती बोलती थी।

जबकि बाद में कुछ कैंडिडेट का मेरिट लिस्ट में नाम न होने पर भी उन्हें नौकरी दे दी गई। इसके पीछे यह कारण बताया जाता है कि उन्हें नौकरी के बदले जितने पैसे मांगे गए थे, वो देने से मना करने के कारण ऐसा हुआ था और बड़ी संख्या में ऐसे लोगों को भी नौकरी दी गई, जिन्होंने TET परीक्षा भी पास नहीं की थी।

CBI ने पिछले साल 30 सितंबर को पहली चार्जशीट पेश की थी। इसमें पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी समेत 16 लोगों के नाम थे। ED ने पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी मित्र अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया था। इनके घर से बेहिसाब पैसे बरामद हुए थे। जिसे काउंट करने के लिए मशीने कम पड़ गई थी। बता दें कि, पार्थ 23 जुलाई 2022 से जेल में हैं, उनकी कई जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं।

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