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ईवीएम से छेड़छाड़ संभव नही, राजनीति दल तीन जून से करके दिखाएं हैक: चुनाव आयोग

Published: May 20, 2017 05:11:00 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

चुनाव आयोग ने रविवार को दोहराया कि उसके द्वारा इस्तेमाल की जा रही इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में छेड़छाड़ संभव नहीं है। उसने राजनीतिक दलों को इन्हें हैक करने की चुनौती देते हुए इसके लिए उन्हें तीन जून से आमंत्रित किया है।

EVM Challenge

EVM Challenge

चुनाव आयोग ने रविवार को दोहराया कि उसके द्वारा इस्तेमाल की जा रही इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में छेड़छाड़ संभव नहीं है। उसने राजनीतिक दलों को इन्हें हैक करने की चुनौती देते हुए इसके लिए उन्हें तीन जून से आमंत्रित किया है। 
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने ईवीएम में छेड़छाड़ को लेकर उठे विवाद के मद्देनजर संवाददाता सम्मेलन में स्पष्ट किया कि ये मशीनें पूरी तरह सुरक्षित, विश्वसनीय और भरोसे की है तथा इनका इस्तेमाल किसी के पक्ष में या खिलाफ नहीं किया जा सकता। 
उन्होंने कहा कि हमारी मशीनों में कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती और न ही उनके उपकरण बिना किसी की जानकारी में आए बदले जा सकते हैं। इन मशीनों में बनाते समय भी छेड़छाड़ करना संभव नहीं है और इनका डॉटा किसी भी तरह से बदला नहीं जा सकता है। 
राजनीतिक दलों को EVM हैक करने की चुनौती

जैदी ने राजनीतिक दलों को ईवीएम हैक करने की चुनौती दी कि वे तीन जून से आयोग के मुख्यालय निर्वाचन सदन में आकर ऐसा करके दिखाएं। कोई भी दल अपने सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों के साथ अकर इन मशीनों का परीक्षण कर सकता है। उन्होंने कहा कि कोई भी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय या क्षेत्रीय दल 26 मई तक इसमें भाग लेने के लिए आवेदन कर सकता है और उन्हीं दलों को तीन जून से इसमें शामिल होने की अनुमति दी जाएगी। एक दल अपने तीन प्रतिनिधि इसके लिए भेज सकता है।
हैकिंग के लिए मिलेगा 4 घंटे का वक्त

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि हैक करने की चुनौती तीन-चार दिन तक चलेगी और हैकिंग के लिए आवेदन करने वाले हर दल को चार घंटे का समय मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस चुनौती का मकसद किसी की जीत या हार दिखाना नहीं बल्कि अपनी चुनाव प्रक्रिया को और मजबूत बनाना औ इसमें मतदाताओं का भरोसा बढाना है। 
भारत में बनती है ईवीएम मशीनें

जैदी ने कहा कि यह भ्रांति फैलाई जा रही है कि आयोग विदेशों में निर्मित ईवीएम का इस्तेमाल कर रहा है। यह बात पूरी तरह आधारहीन है। आयोग सभी मशीनें सार्वजनिक उपक्रम भारत इलेक्ट्रोनिक लिमिटेड तथा इलैक्ट्रोनिक कारपोरेशन ऑफ इंडिया से बनवाता है और इनका सॉफ्टवेयर भी यहीं बनता है। 
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि मतदान से पूर्व राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के सामने ईवीएम की जांच होती है और मॉक मतदान कराया जाता है। मतदान पूरा होने पर ईवीएम को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के समक्ष ही सील किया जाता है और उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच स्ट्रॉग रूम में रखा जाता हैं। 
शिकायतें की लेकिन कोई सबूत नहीं दिए

उन्होंने कहा कि ईवीएम के संबंध में उनसे शिकायतें की गई हैं लेकिन इस बारे में कोई सबूत नहीं दिए गए हैं। उन्होंने कहा ईवीएम की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए वीवीपैट का इस्तेमाल अगले आम चुनाव से शुरू कर दिया जाएगा। 
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