उदयपुर

उदयपुर में यहां बिना सोचे समझे लगा दिए टावर, अब खुद के खर्चे पर हटाने होंगे, इतना खर्चा करना होगा वहन

अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के कतिपय इंजीनियरों ने देबारी स्थित पावर हाउस चौराहे से जिंक तक करीब छह वर्ष पूर्व टावर तो लगा दिए, लेकिन गंभीर बात यह है कि इन टावरों पर न तो लाइनें बिछी और न ही ये किसी अन्य कार्य में लिए गए।

उदयपुरJul 15, 2017 / 09:43 am

Ashish Joshi

अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के कतिपय इंजीनियरों ने देबारी स्थित पावर हाउस चौराहे से जिंक तक करीब छह वर्ष पूर्व टावर तो लगा दिए, लेकिन गंभीर बात यह है कि इन टावरों पर न तो लाइनें बिछी और न ही ये किसी अन्य कार्य में लिए गए। अब यहां सिक्स लेन प्रस्तावित होने से इन टावरों को पुन: हटाने का खर्च भी निगम के ही माथे पड़ेगा।करीब छह वर्ष पूर्व एक योजना के तहत उदयपुर में भी 33 केवी लाइन के टावर लगाए गए। इसके तहत देबारी स्थित पावर हाउस चौराहे से जिंक तक13 टावर स्थापित किए गए। टावर लगाने के बाद से आज दिन तक ये अनुपयोगी होने से निगम के इंजीनियरों की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
निगम को भरना होगा हटाने का व्यय 

जानकारों की मानें तो शीघ्र ही सिक्स लेन का कार्य शुरू होगा। निर्माण कार्य के दौरान सड़क के बीच आने वाली सरकारी और गैर सरकारी संपत्ति को संबंधित एजेंसियों की ओर से हटाना होगा। एेसे में निगम को स्वयं के खर्चे से इन टावर को हटाना होगा। 
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यह पड़ेेगा भार 

बड़े टावर की लागत 28 से 32 हजार रुपए आती है। इसे लगाने में 20 से 25 हजार रुपए खर्च होते हैं। इतना ही खर्च पुन: हटाने में भी आता है। प्रति टावर 20 हजार के हिसाब से 2 लाख 60 हजार रुपए का खर्च निगम पर पड़ेगा। निगम की ओर से छह वर्ष पूर्व टावर खड़े किए गए थे। ये सिक्स लेन की सीमा में आ रहे है इसकी जानकारी नहीं है।
गिरीश जोशी, अधीक्षण अभियंता, अजमेर विद्युत वितरण निगम 
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