इलेक्ट्रिक कार निर्माता और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने भारत में टेस्ला कार की मैन्युफैक्चरिंग के लिए मोदी सरकार के सामने नई शर्त रख दी है। ये शर्त ट्विटर पर एलन मस्क के फैन्स को ही रास नहीं आई है,और अब एलन मस्क की इस मुद्दे पर खूब खिंचाई हो रही है।
Tesla India Plan On Hold
भारत में प्रवेश करने की अपनी योजना पर टेस्ला फिलहाल कोई काम नहीं कर रही है। टेस्ला के फाउंडर और सीईओ एलन मस्क ने यह साफ कर दिया है। एलन मस्क ने इसका जिम्मा भी मोदी सरकार पर डाल दिया है। एलन मस्क ने कहा है कि मोदी सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात शुल्क कम करने को तैयार नहीं है, इसलिए कंपनी ने अस्थायी रूप से भारतीय बाजार में प्रवेश करने की अपनी योजना को रोक दिया है। एलन मस्क का कहना है कि टेस्ला भारत में तब तक निर्माण नहीं करेगी जब तक उसे भारत में अपनी कारें बेचने की अनुमति नहीं दी जाती है। एलन मस्क चाहते हैं कि वो भारत में कार बनाएंगे बाद में, पहले उन्हें भारत में कार बेचने की अनुमति मिले, वो भी चीन से आयात करके।
भारत में 2019 से अटकी हुई है Tesla की Manufacturing जी हाँ, इलेक्ट्रिक कार निर्माता टेस्ला इंक भारत में तब तक निर्माण नहीं करेगी जब तक कि उसे देश में अपनी कारों को बेचने और सेवा देने की अनुमति नहीं दी जाती। टेस्ला के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी एलन मस्क ने शुक्रवार को एक ट्विटर पोस्ट में यह साफ कर दिया है। यह ट्वीट कंपनी के बारे में एक यूजर्स के सवाल के जवाब में आया है। मस्क ने ट्वीट किया, “टेस्ला किसी भी ऐसे स्थान पर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट नहीं लगाएगी जहां हमें पहले कारों को बेचने और सर्विस करने की अनुमति नहीं है।” बता दें, भारत में टेस्ला का प्रवेश 2019 से ही अटका हुआ है क्योंकि भारत इलेक्ट्रिक वाहनों के आयात पर, जिनकी कीमत $40,000 या उससे कम है, पर 60 प्रतिशत आयात ड्यूटी लगाता है। 40,000 डॉलर से अधिक कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात शुल्क 100% है।
भारत सरकार दे रही है EV पर तगड़ा Incenttive इन अड़चनों को देखते हुए अब टेस्ला इंडिया को फिर से व्यापक एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए काम करने की जिम्मेदारी को सौंपा गया है। कुछ रिपोर्टों के मुताबिक, अब कंपनी ने इंडोनेशियाई बाजार पर ध्यान केंद्रित किया है और वहां एक संयंत्र भी स्थापित कर सकती है। बता दें भारत सरकार ईवी पर तेजी से काम कर रही है और इसके लिए कई इंसेंटिव भी पेश किए गए हैं – ईवी के विनिर्माण और साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग को बढ़ावा देने के लिए। इसमें 10,000 करोड़ रुपए की FAME II ( फास्टर एडोप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक वीकल्स इन इंडिया भारत में (हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों) के तेजी से अपनाने और विनिर्माण) और 18,000 करोड़ रुपये की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजनाएं शामिल हैं।
PLI में Tesla की भागीदारी की थी उम्मीद बता दें, मॉडल एस और रोडस्टर के इस यूएस-आधारित निर्माता ने मार्च 2021 में अपने पहले कर्मचारी, मनुज खुराना को पब्लिक पॉलिसी के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया था।पहले माना जा रहा था कि सरकार को टेस्ला के पीएलआई योजना में भाग लेने की उम्मीद थी। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने टेस्ला से पहले चीन से वाहन आयात नहीं करने का आग्रह किया था। इस महीने की शुरुआत में, गडकरी ने कहा था कि अगर अमरीका स्थित ईवी फर्म भारत में अपनी कारों का निर्माण करती है तो कंपनी को जरूरी लाभ मिलेगा।
भारत के सामने शर्त रखकर Elon Musk इस तरह से हो रहे हैं trolls मस्क के इस अड़ियल रवैये के देखते हुए अब उनकी twitter पर खिंचाई भी हो रही है। टेस्ला फैन क्लब नामक एक यूजर्स का कहना है कि मस्क को भारत में कार बेचने की छूट है लेकिन वो अपेक्षित ड्यूटी चुका कर भारत नहीं लाना चाहता, तो इसके लिए मस्क ही जिम्मेदार हैं। कुछ यूजर्र कह रहे हैं कि भारत को मस्क की कम जरूरत है और मस्क को भारत की ज्यादा। वहीं कुछ कह रहे हैं कि अगर लैम्बोर्गिनी भारत में इसी तरह की डयूटी स्ट्रक्चर के बाद लाकर बेच सकती है , तो मस्क अपनी टेस्ला कारों के लिए क्यों नहीं यही डयूटी स्ट्रक्चर अपना सकते हैं।
Starlink भी भारत लाना चाहते हैं भारत Elon Musk एक तरफ मस्क भारत में टेस्ला की एंट्री के लिए नई शर्तें रख रहे हैं, वहीं एलन मस्क अपनी इंटरनेट कंपनी स्टारलिंक को भी भारत लाना चाहता हैं। Elon ने tweet किया है कि वे भारत में स्टार लिंक के भारत में अप्रूवल का इंतजार कर रहे हैं।