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‘भारत में हर किसी को अपना भगवान चुनने का अधिकार’, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की ‘परमात्मा’ याचिका

सुप्रीम कोर्ट ने आध्यात्मिक लीडर को ‘परमात्मा’ घोषित करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने कहा कि भारत में हर किसी को अपना भगवान चुनने का अधिकार है।

नई दिल्लीDec 05, 2022 / 05:55 pm

Abhishek Kumar Tripathi

‘Everyone in India has right to choose their God’: SC dismisses ‘Paramatma’ PIL

सुप्रीम कोर्ट में उपेंद्र नाथ दलाई ने याचिका दायर करते हुए ठाकुर अनुकूल चंद्र को परमात्मा के रूप में स्वीकार करने की आदेश देने की मांग की थी, जिस याचिका में शीर्ष अदालत ने विचार करने से ही इंकार कर दिया। न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा कि “भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और याचिकाकर्ता को यह आदेश नहीं दिया जा सकता है कि भारत के नागरिक श्री श्री ठाकुर अनुकूल चंद्र को परमात्मा के रूप में स्वीकार कर लें।”
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता उपेंद्र नाथ दलाई ने सस्ते प्रचार के लिए याचिका दायर की थी, जिसके कारण शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता पर 1 लाख रुपए जुर्माना लगा दिया है।
जनहित याचिका दायर करने से चार बार सोचेंगे लोग
न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ ने याचिका खारिज करने और जुर्माना लगाने के बाद कहा कि “अब लोग इस तरह की जनहित याचिका दायर करने से पहले कम से कम चार बार सोचेंगे।” इसके साथ ही कोर्ट ने दलाई को आदेश दिया कि चार हफ्ते के अंदर जुर्माने को जमा करें।
 
हम लेक्चर सुनने नहीं आए हैं
पीठ ने कहा कि “आप चाहें तो उन्हें परमात्मा मान सकते हैं, लेकिन हम इसे दूसरों पर क्यों थोपें? देश में सबको पूरा अधिकार है, जिसको जो धर्म मानना है माने। जिसको जो भगवान मानना है मांने।” इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि हम ये लेक्चर सुनने नहीं आए हैं कि हम सेक्युलर देश हैं।

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