शंघाई सहयोग संगठन में पीएम मोदी और नवाज शरीफ के बीच बैठक की संभावना पर उन्होंने कहा कि इस मामले पर दोनों पक्षों को लेकर अभी कुछ तय नहीं हुआ है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता के लिए मोदी सरकार किसी तीसरे पक्ष का सहयोग नहीं लेगी। पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवाद और बातचीत दोनों एक साथ नहीं चल सकती है।
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बातचीत के दौरान बताया कि मोदी सरकार में पिछले 3 सालों में 80 हजार भारतीयों को सफलतापूर्वक देश वापस लाया गया है। तो वहीं सरकार का अब तक का काम विदेशी फ्रंट से लेकर घरेलू मोर्चे में काफी शानदार रहा है। सुषमा स्वराज ने पेरिस समझौते से अमरीका के अलग होने होने ट्रंप द्वारा भारत पर की गई टिप्पणियों को गलत बताते हुए कहा कि भारत ने किसी लालच में आकर समझौता नहीं किया था। और हम पर्यावरण संरक्षण के लिए किए गए पेरिस समझौते का हिस्सा बने रहेंगे।
सुषमा स्वराज ने कहा कि घरेलू विकास कार्यक्रमों में पहली बार विदेश मंत्रालय अपनी अहम भूमिका निभा रही है। उनका कहना कि पिछले 3 साल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 37.5 फीसदी की वृद्धि हुई है। साथ ही बताया कि विदेशों में बसे सभी भारतीयों को सुरक्षा मुहैया करना हमारे मंत्रालय की अहम जिम्मेदारी बन गई है।
पासपोर्ट सेवाओं पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि पासपोर्ट सेवा में पहले से काफी सुधार हुआ है। नियम सरल होने के कारण पिछले तिमाही के मुकाबले इस तिमाही में पासपोर्ट के लिए आवेदन करने वालों में 50 फीसदी का इजाफा हुआ है। उनका कहना कि यह सभी काम एक प्रभावी कूटनीति के कारण पूरे हुए हैं, जिससे बेहतर परिणाम मिल सके।
अमरीका भारत के संबंधों पर सुषमा स्वराज ने कहा कि ओबामा सरकार के बाद ट्रंप प्रशासन के दौर में भी दोनों देशों के बीच संबंध लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने अमरीका के एच-1बी पर कहा कि फिलहाल इस मामले में स्थित नहीं बदली है। उन्होंने चीन-पाक आर्थिक कॉरीडोर पर कहा कि यह मामला संप्रभुता का है। और हम इस मामले पर कोई समझौता नहीं कर सकते हैं। साथ ही कहा कि कश्मीर भारत का एक अभिन्न अंग है।