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Farmers protest: पंजाब सरकार ने मानी 13 में से 12 मांगें, किसानों ने खत्म किया धरना

Published: May 18, 2022 07:19:26 pm

Submitted by:

Mahima Pandey

Farmers Protest: पंजाब सरकार ने किसानों की 13 में से 12 मांगे मान ली हैं। किसानों के साथ कई बैठकों के बाद दोनों पक्षों में एक मांग को लेकर सहमति नहीं बनी। हालांकि, किसानों ने आज शाम ही धरना खत्म करने की घोषणा कर दी है।

Punjab CM Bhagwant Mann: 9053 acres of land have been freed from Many influential Political people

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पिछले साल केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को रद्द किये जाने के बाद किसानों ने अपना विरोध प्रदर्शन खत्म किया था। ये प्रदर्शन करीब एक साल तक चला था। अब फिर से पंजाब के किसान सड़कों पर उतर गए हैं। किसानों को मनाने के लिए पंजाब के CM Bhagwant Mann ने किसानों के साथ मैराथन बैठकें की। इस दौरान उन्होंने उनकी मांगों को न केवल सुना, बल्कि समाधान के लिए उन्हें आश्वस्त भी किया। किसानों की कुल 13 मांगों में से उन्होंने 12 मांगे मान ली हैं। जिन किसानों की गेहूं की फसल बर्बाद हुई है उन्हें 500 रुपये प्रति क्विंटल मुआवजे की मांग पर दोनों पक्षों में सहमति नहीं बन पाई है। सीएम के आश्वासन देने और सभी मांगों को मान लेने के बाद किसानों ने धरना बंद करने का निर्णय लिया है।
सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा मामला
बैठक में शामिल हुए पंजाब के ग्रामीण विकास और पंचायत मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि किसान अपना धरना बंद कर रहे हैं क्योंकि मामला सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया गया है। जल्द ही किसान नेता इसकी औपचारिक घोषणा कर देंगे। किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि ‘सीएम मान से मिलने के बाद हमने आपस में एक बैठक की और पुष्टि की कि धालीवाल मौके पर पहुंचकर धरना उठाने की घोषणा करेंगे।’

धान की बुवाई के लिए राज्य को दो जोन में बांटा
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने धान की बुवाई के लिए राज्य को चार की जगह दो जोन में बांटा दिया है। अब राज्य के आधे हिस्से में 14 जून और दूसरे जोन में 17 जून से धान की बुवाई शुरू हो होगी। किसानों को जिलों को भी इन दो जोन में बांटने के लिए कहा गया है। इससे पहले सरकार ने आदेश दिया था कि चार जोनों में बुवाई 18 जून से शुरू हो जाएगी। सीएम मान ने किसानों को ये भी आश्वासन दिया कि उन्हें मूंग (मसूर) पर MSP मिलेगा और जल्द ही इसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
मोहाली में किसानों ने शुरू किया था धरना
23 किसान संगठनों के सदस्यों ने मंगलवार को सरकार के खिलाफ मोहाली में धरना शुरू कर दिया था। किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने अल्टीमेटम दिया था कि अगर सीएम बुधवार को उनसे नहीं मिले तो वे चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर लगे बैरिकेड्स तोड़कर चंडीगढ़ की ओर चलने लगेंगे। हालांकि, भगवंत मान ने किसानों से बातचीत कर मुद्दा सुलझा दिया है।
इससे पहले भगवंत मान ने किसानों के आंदोलन को गैर जरूरी बताया था। उन्होंने किसानों से धरना खत्म करने की अपील भी की थी। हालांकि, किसानों ने उनकी बात नहीं मानी। परिणामस्वरूप उन्हें किसानों से मुलाकात कर उनकी मांगों को तुरंत मानना पड़ा।
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किसान क्यों कर रहे थे विरोध प्रदर्शन?
किसानों की मांग थी कि सरकार कुछ फसलों पर बोनस और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दे। किसानों का कहना था कि गर्मी के करण जिन किसानों की गेहूं की फसल बर्बाद हुई है उन्हें 500 रुपये प्रति क्विंटल मुआवजे की मांग की है। उनका कहना है कि राज्य सरकार ने मांग तो मान ली है, लेकिन कोई नोटिस जारी नहीं किया है। इसके अलावा किसान मक्का, बासमती और मूंग की खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग की थी। किसानों का कहना था कि वो 18 जून से धान की रोपाई होनी है उससे पहले मान सरकार ने अब तक प्रीपेड बिजली मीटर स्थापित नहीं किये हैं।

किसानों की मांग थी कि सरकार बिजली बिल के शुल्क को 4800 से 1200 कर दे। किसानों से सरकार से 10-12 घंटे बिजली सप्लाइ और गने का बकाया भुगतान करने के लिए कहा था।

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