अब्दुल्ला ने यहां एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से रविवार को कहा कि संघर्ष विराम समझौते के तहत रमजान के माह में नियंत्रण रेखा पर शांति बहाली की जा सकती है। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान दोनों देशों के बीच इस तरह का प्रयास हुआ था। उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 में वाजपेयी प्रधानमंत्री थे और उस दौरान सीमा पर तनातनी थी लेकिन वाजपेयी ने पहल की और वह लाहौर गए। उन्होंने पाकिस्तान सरकार से हाथ मिलाया और दोनों देशों के बीच समझौता हुआ।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं भारत और पाकिस्तान सरकार से अपील करता हूं कि कुछ ही दिनों में रमजान शुरू होने वाले हैं और ऐसे में यह अच्छा होगा कि दोनों सरकारें आगे आए और बातचीत करके संघर्ष विराम का रास्ता निकालें।
श्रीनगर सीट से सांसद चुने जाने के बाद हाल में नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बारे में उन्होंने कहा कि मैं सभी बातें साझा नहीं कर सकता। केवल इतना कह सकता हूं कि प्रधानमंत्री से मैंने कहा है कि जम्मू -कश्मीर में केवल कानून-व्यवस्था की स्थिति नहीं खराब है बल्कि समस्याओं के समाधान के लिए राजनीतिक पहल की आवश्यकता है।
अब्दुल्ला ने कहा कि भारत अगर अपने इस पड़ोसी देश के साथ संबंधों में शांति और सुधार चाहता है तो यह केवल बातचीत के जरिए ही संभव है। मुझे लगता है कि समय आ गया है कि दोनों देश मिल-बैठकर बातचीत करें और एलओसी पर शांति बहाली के उपाय निकालें।