भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने पहली बार जम्मू-कश्मीर के पूर्वी लद्दाख के चूशुल में संयुक्त सैन्य अभ्यास किया।
नई दिल्ली। भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्वी लद्दाख के चूशुल में संयुक्त सैन्य अभ्यास किया। आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में दोनों देशों के बीच यह पहला संयुक्त सैन्य अभ्यास है। हाल ही में न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) और आतंकवादी मसूद अजहर को लेकर चीन का रवैया भारत के खिलाफ रहा है। लेकिन, यह संयुक्त अभ्यास दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण कदम है। उधर संयुक्त अभ्यास को लेकर लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) के पार पाकिस्तानी एजंसियों में काफी हरकत देखी गई।
गौरतलब है कि संयुक्त अभ्यास के लिए दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों ने जिस जगह का चयन किया, वह सामरिक दृष्टि से बेहद महत्त्वपूर्ण रही है। 1962 के भारत-चीन युद्ध में चूशुल अहम रणक्षेत्र था। दोनों देशों के बीच इस इलाके में सीमा का निर्धारण नहीं है और इसका विवाद चला आ रहा है। भारत-चीन सीमा पर तनाव कम रहे, इसके मद्देनजर दोनों देशों की सेनाओं के बीच संवाद और सहयोग के लिए 2013 में ‘सीमा सुरक्षा सहयोग संधि’ पर दस्तखत किए गए।
दिन भर के अभ्यास के दौरान भारतीय सीमा पर एक गांव में काल्पनिक भूकंप की स्थिति में दोनों देशों की संयुक्त टीम ने राहत ऑपरेशन चलाए, लोगों को बचाया और मेडिकल सुविधाएं पहुंचाईं। इस तरह का पहला अभ्यास दौलत बेग ओल्डी इलाके में छह फरवरी 2016 को किया गया था।
भारतीय सेना की अगुवाई ब्रिगेडियर आरएस रामन और चीनी सेना का नेतृत्व सीनियर कर्नल फान जून ने की। भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इस अभ्यास से दोनों देशों की सेना के बीच न सिर्फ परस्पर विश्वास बढ़ा है, बल्कि सीमा पर आपसी सहयोग भी बढ़ने की उम्मीद है। इंडियन आर्मी की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि ज्वाइंट एक्सरसाइज काफी सफल रही। इस दौरान प्राकृतिक आपदा की स्थिति में बॉर्डर पर रहने वाले लोगों को राहत मुहैया कराई गई।