दरअसल, जम्मू-कश्मीर सरकार ने शनिवार को देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में पांच कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया। एक आधिकारिक बयान में कहा गया, सरकार ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत पांच कर्मचारियों को देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में बर्खास्त करने का आदेश दिया है। मालूम हो कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत संघ या राज्य को नागरिक क्षमताओं में नियोजित व्यक्ति को बर्खास्त करने का प्रावधान है।
पांच कर्मियों की नौकरी खत्म किए जाने संबंधी सरकारी बयान में कहा गया है, इन कर्मचारियों की गतिविधियां कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों के प्रतिकूल नोटिस में आई थीं। वे राज्य की सुरक्षा के हितों के प्रतिकूल गतिविधियों में शामिल पाए गए थे। इससे पहले ही जम्मू कश्मीर में प्रशासन ने आतंकियों का साथ देने वाले सरकारी कर्मचारियों पर एक्शन लिया था।
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आज जिन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनमें जम्मू-कश्मीर पुलिस के सहायक विंग में कांस्टेबल तनवीर सलीम, पौधरोपण पर्यवेक्षक सैयद इफ्तिखार अंद्राबी, बारामूला के सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का मैनेजर आफाक अहमद वानी, जल शक्ति विभाग में अर्दली सह चौकीदार इरशाद अहमद खान और हंदवाड़ा के पीएचई सब डिवीजन के सहायक लाइनमैन अब्दुल मोमिन पीर है।
प्रशासन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सरकार ने देश विरोधी तत्वों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है, जो सरकारी तंत्र से जुड़े होने के कारण शरण ले रहे हैं। इन पांच बर्खास्तगी से पहले, 39 सरकारी अधिकारियों को भारत के संविधान के अनुच्छेद 311 के प्रावधानों को लागू करते हुए बर्खास्त कर दिया गया है। भविष्य में भी सरकार इन राष्ट्रविरोधी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगी।