सर्जिकल स्ट्राइक पर सरकार ने यह माना है कि नियंत्रण रेखा पार पहले भी इस तरह की सैन्य कार्रवाई होती रहीं हैं
नई दिल्ली। सर्जिकल स्ट्राइक पर सरकार ने यह माना है कि नियंत्रण रेखा पार पहले भी इस तरह की सैन्य कार्रवाई होती रहीं हैं, लेकिन पहली बार इसे सार्वजनिक किया गया है। विदेश सचिव एस. जयशंकर ने संसदीय समिति की बैठक में पूर्व के सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में सांसदों द्वारा पूछे जाने पर यह बताया। विदेश सचिव द्वारा जारी यह बयान रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के दावे के विपरीत है, जिसमें उन्होंने पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक करने की बात की थी।
सूत्रों के मुताबिक, जयशंकर ने विदेश मामलों की संसदीय समिति को बताया कि सेना पहले भी एलओसी पर सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई करती रही है, पर सरकार ने पहली बार इसे सार्वजनिक किया है। उन्होंने कहा कि 29 सितंबर के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भविष्य में पाकिस्तान के साथ बातचीत का कैलेंडर अभी तैयार नहीं हुआ है। अभियान के तुरंत बाद पाकिस्तान सैन्य संचालन महानिदेशक को इस बारे में सूचना दी गई थी। विदेश सचिव का बयान रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के दावे के संदर्भ में महत्वपूर्ण है।
दरअसल विदेश मंत्रालय की संसद की स्थायी बैठक में जब सांसदों ने विदेश सचिव एस जयशंकर से यह पूछा कि क्या सर्जिकल स्ट्राइक पहले भी हुई है? तब बैठक में मौजूद सूत्रों ने बताया कि विशिष्ट लक्ष्य वाले, सीमित क्षमता के आतंकवादी विरोधी ऑपरेशन्स पहले भी हुए हैं, पर ऐसा पहली बार हुआ है कि सरकार ने इसे सार्वजनिक किया है। करीब ढाई घंटे तक चली संसदीय समिति की बैठक में सेना उपप्रमुख ले. जन. बिपिन रावत ने भी नियंत्रण रेखा पार आतंकी लांच पैड पर हुई सर्जिकल स्ट्राइक का ब्योरा दिया।
आपको बता दें कि पर्रिकर ने संप्रग सरकार के कार्यकाल में सर्जिकल स्ट्राइक के कांग्रेस के दावे को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि उड़ी आतंकी हमले के बाद पहली बार सर्जिकल स्ट्राइक की गई।