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नेपाल में गायब हुआ पाक आर्मी अफसर, परिवार ने कहा- भारत की जासूसी एजेंसियों ने किया किडनैप

Published: Apr 12, 2017 11:29:00 am

कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी में शामिल रहे पाकिस्तान के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद हबीब ज़हीर नेपाल के लुंबिनी से कथित तौर पर लापता हैं।

कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी में शामिल रहे पाकिस्तान के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद हबीब ज़हीर नेपाल के लुंबिनी से कथित तौर पर लापता हैं। पाकिस्तान डिफेंस नाम की वेबसाइट में दावा किया गया है कि लेफ्टिनेंट कर्नल हबीब ज़हीर को भारत की खुफिया एजेंसी रॉ ने नेपाल के लुंबिनी से अगवा किया है। 
भारतीय नेवी के पूर्व अफसर कुलभूषण जाधव को दस अप्रैल को पाकिस्तान की फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल ने मौत की सजा सुनाई है। उन पर बलोचिस्तान और कराची में पाकिस्तान के खिलाफ विध्वंसक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। 
पाकिस्तान डिफेंस वेबसाइट के मुताबिक रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल हबीब एक जॉब ऑफर के बाद छह अप्रैल को नेपाल गए थे, जहां से उनका परिजनों से संपर्क टूट गया। परिजनों ने उनकी गुमशुदगी के बारे में एफआईआर भी दर्ज कराई है। पाकिस्तान डिफेंस वेबसाइट ने रॉ पर उनको अगवा करने का आरोप लगाते हुए एक तस्वीर ट्वीट की है, जिसमें लिखा है कि आखिरी बार वे बुद्धा एयरलाइंस एयरक्राफ्ट से उतरते हुए देखे गए। 
पाकिस्तान में जिस टीम ने तीन मार्च 2016 को कुलभूषण जाधव को गिरफ्तार किया था, उसमें हबीब जहीर भी शामिल थे। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक लेफ्टिनेंट कर्नल हबीब लंबे अरसे से कुलभूषण जाधव की रेकी कर रहे थे। जब कुलभूषण अपने परिजनों से मराठी में बात करते थे, तो हबीब की उन पर नज़र होती थी। पाकिस्तान डिफेंस वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक लेफ्टिनेंट कर्नल हबीब 31 अक्टूबर 2014 को पाकिस्तानी सेना से रिटायर हो गए थे। हालांकि इसके बाद भी वे आईएसआई के लिए काम करते थे। हबीब का अक्सर नेपाल आना-जाना होता था और भारतीय खुफिया एजेंसियां हबीब पर निगाह रख रही थीं। 
पाकिस्तान डिफेंस वेबसाइट के मुताबिक हबीब जहीर पाकिस्तानी सेना की आर्टिलरी विंग से रिटायर होने के बाद फैसलाबाद की रफान मिल्स में काम कर रहे थे। कुछ महीने पहले ही उन्होंने अपना बायोडाटा लिंक्ड इन और यूनाइटेड नेशंस की एक वेबसाइट पर पोस्ट किया था। वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक एक महीने पहले यूनाइटेड किंगडम के मोबाइल नंबर से मार्क थॉमसन नाम के शख्स ने सीवी के सिलसिले में उनसे संपर्क किया था। दावा है कि भारत में होस्ट इस वेबसाइट के जरिए उनसे ई-मेल और फिर फोन के जरिए संपर्क करते हुए कहा गया कि उनकी सीवी वाइस प्रेसिडेंट/जोनल डायरेक्टर की पोस्ट के लिए शॉर्टलिस्ट की गई है। 
हबीब को साढ़े तीन हजार से साढ़े आठ हजार यूएस डॉलर मासिक की सैलरी का ऑफर देते हुए 6 अप्रैल 2017 को काठमांडू में इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। वेबसाइट के मुताबिक रिटायर्ड पाक आर्मी अफसर को ओमान एयरलाइंस का लाहौर-ओमान-काठमांडू का बिजनेस क्लास का टिकट भेजा गया। यात्रा दस्तावेज के मुताबिक फ्लाइट नंबर WY344 से हबीब पांच अप्रैल को ओमान गए। जांच में पता चला है कि जावेद अंसारी नाम के किसी शख्स ने उन्हें ओमान में रिसीव किया और नेपाल के सेल नंबर वाला सिमकार्ड भी उन्हें सौंप दिया। दावा किया जा रहा है कि जांच के दौरान पता चला है कि भारत में वेबसाइट को होस्ट करने के साथ ही इसका प्राइवेसी प्रोटेक्शन ऑस्ट्रेलिया से है। अभी वेबसाइट बंद है और इसका कोई डाटा इंटरनेट पर मौजूद नहीं है। ट्विटर अकाउंट भी बंद है। वहीं मिस्टर थॉमसन वाला यूके नंबर भी फर्जी और इंटरनेट से जनरेट किया गया बताया जा रहा है। 
रिकॉर्ड के मुताबिक लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद हबीब छह अप्रैल को काठमांडू पहुंचे। उसी दिन काठमांडू एयरपोर्ट से वे बुद्धा एयर की फ्लाइट से लुंबिनी के लिए रवाना हुए। छह अप्रैल को दोपहर एक बजे उन्होंने अपनी बीवी को मोबाइल फोन से मैसेज किया कि वे भारतीय सीमा से पांच किलोमीटर दूर लुंबिनी म्यूनिसिपल्टी उतर चुके हैं। इसके बाद से उनका नेपाल और पाकिस्तान का सेल नंबर स्विच ऑफ है और हबीब जहीर का कुछ पता नहीं चल पा रहा है। उनके परिवार को डर है कि हबीब अब भारतीय एजेंसियों मुख्य रूप से रॉ के कब्जे में हैं। वेबसाइट की रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि भारत ने ऐसा कुलभूषण जाधव की रिहाई के लिए किया है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी सरकार ने नेपाल की सरकार से लापता रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद हबीब जहीर के बारे में पता लगाने के लिए संपर्क साधा है। 

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