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दुनिया की शीर्ष Contract Manufacturing ताइवानी कंपनी ने भारत की तारीफ में बांधे पुल, बढ़ाएगी भारत में निवेश, अब क्या करेगा चीन

locationजयपुरPublished: Aug 18, 2022 12:50:08 pm

Submitted by:

Swatantra Jain

चीन से तनाव के बीच भारत और ताइवान के बीच राजनयिक और कारोबारी स्तर संबंध सुधरने के संकेत मिलने लगे हैं। ताइवान की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक और दुनिया की सबसे बड़ी कॉनट्रेक्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी फॉक्सकॉन ने भारत में कारोबारी माहौल सुधरने की तारीफ की है और कहा है कि उसे लगता है कि आगे भविष्य में भारत बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है।

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चीन और अमरीका के बीच ताइवान को लेकर बिगड़ते संबंधों के बीच तेजी से बदलते भू-राजनीतिक घटनाक्रमों को देखते हुए ताइवानी कंपनियाँ चीन का विकल्प तलाशने में जुट गई है। ऐसे में ताइवानी कंपनियां (Taiwanese Companies) चीन में अपना एक्सपोजर कम कर रही हैं और बेहतर विकल्पों की तलाश में अब भारत का रुख कर रही हैं। बदले हालात में भारत ताइवानी कंपनियों की पसंद बनकर उभर रहा है। इसका संकेत ताइवान की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक फॉक्सकॉन (Foxconn) ने दिया है। फॉक्सकॉन भारत में अपना कारोबार और निवेश बढ़ाने की तैयारी में है।
फॉक्सकॉन चेयरमैन ने दिए ये संकेत

दुनिया की जानी मानी चिप निर्माता और कॉन्ट्रेक्ट कंपनी फॉक्सकॉन के चेयरमैन यंग लिउ (Foxconn Chairman Young Liu) ने दूसरी तिमाही के परिणाम आने के बाद पिछले सप्ताह इन्वेस्टर कॉल में भारतीय कारोबार के बारे में खुलकर बातें की। उन्होंने कहा कि भारत में ओवरऑल इंडस्ट्रियल माहौल में सुधार आया है। इसके साथ ही सरकारी स्तर पर एफिशिएंसी भी बेहतर हुई है। उन्होंने इन्वेस्टर्स से बातचीत के दौरान भारत के बढ़ते महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, ‘हमें लगता है कि भारत आने वाले समय में एक बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है। कुल मिलाकर मैं देखता हूं कि भारत में हमारा कारोबार सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। मुझे लगता है कि यह आने वाले समय में और बेहतर होने वाला है।
‘इलेक्ट्रिक व्हीकल भी बनाएगी फॉक्सकॉन

हालांकि फॉक्सकॉन चेयरमैन ने इन्वेस्टमेंट का कोई आंकड़ा अथवा किसी खास प्रोडक्ट की जानकारी नहीं दी। उन्होंने बस इतना कहा, ‘कुल मिलाकर भारत में हमारे ग्रुप का डेवलपमेंट सक्रियता से विस्तार पाने वाला है।’ बता दें, लिउ ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय के अधिकारियों के साथ मुलाकात की थी।उन्होंने प्रधानमंत्री और अधिकारियों को भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने (EV Manufacturing) और सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग व इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टर्स में पोर्टफोलिया का विस्तार करने के बारे में अपनी योजना की जानकारी दी थी।
भारत में तेजी से बढ़ रहा है महंगे फोन का बिजनेस
इससे पहले ऐसी खबरें आई थीं कि फॉक्सकॉन चेन्नई (Chennai) के पास स्थित अपने हॉन हाई फैसिलिटी (Hon Hai Facility) में एक और प्लांट बना रही है। फॉक्सकॉन अपने हॉन हाई फैसिलिटी में ऐपल के लिए स्मार्टफोन बनाती है। यह अपडेट इस कारण अहम हो जाता है कि ऐपल के मेड-इन-इंडिया स्मार्टफोन (Made In India Apple Phones) का कारोबार तेजी से बढ़ा है। ऐपल ने कहा था कि दूसरी तिमाही के दौरान भारत में उसे स्मार्टफोन व अन्य उत्पादों की डिमांड में तेजी देखने को मिली थी। ऐपल के अनुसार, उसका भारतीय कारोबार दोगुना होने की दहलीज पर है।
भारत को इंडोनेशिया और वियतनाम से मिल सकती है चुनौती

फॉक्सकॉन ने यह संकेत ऐसे समय दिया है, जब चीन के साथ ताइवान का तनाव चरम पर है। पिछले दिनों अमेरिकी स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद तनाव उत्पन्न हुआ। उसके बाद चीन ने ताइवान के चारों ओर आक्रामक सैन्य अभ्यास किया। अभी ताइवानी प्रेसिडेंट के साथ अमेरिकी सांसदों के एक दल की मुलाकात के बाद चीन और भड़का हुआ है। इसके बाद चीन ने नए सिरे से ताइवान के चारों ओर अधिक आक्रामक सैन्य अभ्यास का ऐलान किया है। इसे ताइवान को डराने और उसकी घेराबंदी करने के चीन के प्रयासों के तौर पर देखा जा रहा है। बदले हालात में ताइवानी कंपनियों के लिए चीनी कारोबार पर निर्भरता कम करने और अन्य देशों में प्लांट लगाने के लिए प्रेरित किया है। इसका फायदा भारत को भी मिल रहा है। हालांकि चीन छोड़ रही ताइवान की कंपनियों को आकर्षित करने के मामले में भारत को वियतनाम और इंडोनेशिया जैसे देशों से चुनौती मिल रही है।
वेदांता के साथ मिलकर चिप बनाने की तैयारी

दुनिया की शीर्ष मैन्युफैक्चरिंग कान्ट्रेक्ट कंपनी फॉक्सकॉन, जो ऐपल (Apple), श्याओमी (Xiaomi) समेत कई कंपनियों के लिए स्मार्टफोन या उसके लिए कुछ पार्ट बनाती है, (Smartphone) पहले से ही भारत में तीन फैक्ट्रियां चला रही है। फिलहाल भारत में तमिलनाडु (Tamilnadu) और आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में फॉक्सकॉन की तीन फैक्ट्रियां काम कर रही हैं। इन फैक्ट्रियों में ऐपल और श्याओमी जैसे ब्रांडों के लिए स्मार्टफोन समेत कई अन्य ब्रांडों के लिए इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट (Electronic Products) बनाए जा रहे हैं। फॉक्सकॉन की भारतीय इकाई भारत एफआईएच आईपीओ (Bharat FIH IPO) लाने की तैयारी में है। इसके अलावा फॉक्सकॉन पहले ही वेदांता (Vedanta) के साथ मिलकर भारत में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज (Electronic Devices) के लिए डिस्प्ले पैनल (Display Panel) और सेमीकंडक्टर चिप्स (Semiconductor Chips) बनाने का ऐलान कर चुकी है।
ताइवानी कंपनियों की बदल रही है सोच

जानकारों का कहना है कि मौजूदा स्थिति कई ताइवानी कंपनियों के लिए एक वेकअप कॉल है जो अब तक चीन से बाहर जाने के इच्छुक नहीं थीं। जयपुर से बड़े आईटी कारोबारी और फिक्की में टेक सेग्मेंट के राष्ट्रीय चेयर अजय डाटा के अनुसार, ताइवानी कंपनियों के लिए अगला पड़ाव दक्षिण पूर्व एशिया और भारत होना चाहिए। उन्होंने कहा कि, भारत में विनिर्माण का विस्तार करने के लिए फॉक्सकॉन का कदम वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक फेरबदल की तरह होगा। अमरीका भी नए चिप्स और विज्ञान अधिनियम के माध्यम से घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर विनिर्माण को सक्रिय करना चाहता है।
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