विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक संघर्ष में मोसुल का आईएसआईएस के चंगुल से आजाद होना एक महत्वपूर्ण बिन्दु है और भारत इसका स्वागत करता है। उन्होंने ने कहा कि इराक के प्रधानमंत्री द्वारा मोसुल के आजाद होने की घोषणा होते ही सरकार ने अपहृत भारतीयों का पता लगाने के लिए विभिन्न चैनलों को सक्रिय कर दिया है।
जबकि विदेश राज्य मंत्री जनरल सिंह इराक रवाना हो चुके हैं और वह सोमवार देर शाम इरबिल पहुंच रहे हैं। इराक में भारत के राजदूत और इरबिल में भारत के महावाणिज्य दूत को प्राथमिकता से भारतीयों को ढूंढ़ने का निर्देश दिया गया है। बागले ने बताया कि इराकी अधिकारियों ने कहा है कि वे इस संबंध में पूरा सहयोग देंगे और उनकी ओर से संबंधित इराकी एजेंसियों को इस बारे में आवश्यक दिशानिर्देश दे दिए गए हैं।
गौरतलब है कि साल 2014 के मध्य में आईएसआईएस आतंकवादियों ने मोसुल के एक कारखाने में काम करने वाले 39 भारतीय कामगारों का अपहरण कर लिया था। इस लोगों के जीवित रहने को लेकर तरह तरह के कयास लगाए गए हैं। तो वहीं सरकार ने हमेशा से यह कहा कि उसे विभिन्न स्रोतों के माध्यम से जानकारी मिली है कि भारतीय लोग जीवित हैं।