देश में तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में NDA की सरकार बन चुकी है। पीएम मोदी के साथ ही 71 सांसदों ने मंत्री पद की शपथ ली। मोदी 3.0 में बीजेपी ने एक भी मुस्लिम नेता को मंत्री नहीं बनाया है। लेकिन अल्पसंख्यक समुदाय के 5 नेताओं को जरूर मंत्री बनाया गया हैं। इन सभी 5 नेताओं में जिसका नाम सबसे ज्यादा चौंकाने वाला है वो केरल से आने वाले ईसाई समुदाय के जॉर्ज कुरियन का है।
देखने आए थे शपथ ग्रहण बन गए मंत्री जॉर्ज कुरियन शनिवार की शाम को मोदी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह का गवाह बनने के लिए दिल्ली आए थे। लेकिन उस वक्त हैरान हो गए जब उन्हें बताया गया कि वह आज मंत्री पद की शपथ लेंगे। दरअसल, उन्हें मंत्री पद दिए जाने के पीछे भाजपा की केरल में ईसाइयों को लुभाने की रणनीति बताई जा रही है। केरल में हिंदू, मुस्लिम और ईसाई तीनों ही समुदायों की अच्छी आबादी है। बीजेपी की पहचान आमतौर पर हिंदुवादी दल की है। वहीं मुस्लिमों के बीच कांग्रेस की अच्छी पैठ है, जबकि ईसाई मत के लोग वामपंथी दलों के पाले में रहे हैं।
नहीं हैं किसी भी सदन के सदस्य बता दें कि मोदी 3.0 में मंत्री बनने वाले कई नेता किसी भी सदन के सदस्य नहीं है। इनमें से जॉर्ज कुरियन भी एक हैं। दरअसल, वह मंत्री बनने के बाद भी अब तक न तो लोकसभा के और ना ही राज्यसभा के सांसद हैं। कुरियन को इस तरह से मंत्री बनाए जाने पर बताया जा रहा है कि वह भाजपा के लिए वफादार रहे हैं। आरएसएस के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से वह जुड़े रहे हैं। इसके अलावा दशकों से भाजपा में सक्रिय हैं। इसलिए उन्हें मौका देना एक तरह से वफादारी का इनाम भी है।
अल्पसंख्यक समाज के लिए काम करूंगा- कुरियन साइरो-मालाबार कैथोलिक चर्च से जुड़े जॉर्ज कुरियन केरल में काफी सक्रिय रहे हैं। वह राज्य में ईसाई समुदाय के लोगों के बीच भाजपा की पहुंच बढ़ाने के प्रयास करते रहे हैं। अब उनका कहना है कि मुझे अल्पसंख्यक मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है, जिसमें पूरी गंभीरता के साथ काम करूंगा। अपने समुदाय समेत पूरे अल्पसंख्यक समाज के हित के लिए काम करूंगा। उन्हें पशुपालन विभाग में भी राज्य मंत्री का जिम्मा मिला है।