असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘सबसे कमजोर प्रधानमंत्रीÓ बताते हुए आरोप लगाया कि वह अपने मंत्रियों पर लगाम लगाने में नाकाम रहे है, जो सरकार के रुख के उलट सार्वजनिक तौर पर लगातार बयानबाजी कर रहे हैं।
असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘सबसे कमजोर प्रधानमंत्रीÓ बताते हुए आरोप लगाया कि वह अपने मंत्रियों पर लगाम लगाने में नाकाम रहे है, जो सरकार के रुख के उलट सार्वजनिक तौर पर लगातार बयानबाजी कर रहे हैं।
गोगोई ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मोदी भारत के सबसे कमजोर प्रधानमंत्री है। कैसे उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी ऐसे बयान दे सकते है, जो प्रधानमंत्री के रुख के विरुद्ध है।
उन्होंने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि लगभग हर मामले में बोलने वाले मोदी अपने मंत्रियों के विवादित बयानों पर चुप्पी साध लेते हैं। कांग्रेस नेता गोगोई ने कहा, ‘मोदी की चुप्पी के दो मतलब निकल सकते है कि या तो वह कमजोर हैं या इसमें उनकी मौन सहमति है।’
उन्होंने कहा कि बढ़ती असहिष्णुता और घृणा के माहौल के साथ देश सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा, ‘चीजें इस स्तर पर पहुंच गई है कि राष्ट्रपति को असामाजिक ताकतों के प्रति चेतावनी देनी पड़ी। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति के बयान का समर्थन किया लेकिन उन्हें अपना रुख भी स्पष्ट करना चाहिए।’
गोगोई ने कहा कि अगले वर्ष राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) को सत्ता में आने से रोकने के लिए कांग्रेस धर्मनिरपेक्ष ताकतों के साथ काम करने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, ‘भाजपा खुले तौर पर एक साम्प्रदायिक पार्टी है। असम में उसका आधार नहीं है और हमें यहां सत्ता में आने के उसके प्रयासों को नाकाम करना चाहिए।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस चुनाव से पहले गठबंधन नहीं बनाएगी।