केंद्रीय सड़क परिवहन और राज्यमार्ग मंत्री वी. के. सिंह में हाल में एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि सरकार सड़क हादसों को कम करने के लिए लगातार काम कर रही है। इसके लिए सरकार एक्सप्रेसवे के किनारे हैलीपैड बनाने की कोशिश कर रही है। इसके साथ ही कई और इमरजेंसी सुविधाओं को डेवलप किया जाएगा जो सड़क हादसों के शिकार लोगों को समय पर हॉस्पिटल्स तक पहुंचा सकेंगे। टोल प्लाजा पर तुरंत सुविधा के लिए एम्बुलेंस की भी व्यवस्था की जा रही है। वहीं हॉस्पिटल्स के द्वारा इन स्थानों (सड़क किनारे) पर ट्रॉमा सेंटर भी बना सकती है।
हर साल 5 लाख के करीब भारत में होते हैं सड़क हादसे
केंद्रीय सड़क परिवहन और राज्यमार्ग मंत्री वी. के. सिंह ने बताया कि भारत में हर साल 5 लाख के करीब सड़क हादसे होते हैं , जो दुनिया भर में होने वाले कुल हादसों के 11% हैं। उन्होंने बताया कि सरकार मौजूदा सड़क हादसों की संख्या को कम करने के लिए काम कर रही है। सरकार सालाना होने वाले 5 लाख हादसों को कम से कम 2 लाख तक लाना चाह रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाएं किसी न किसी की गलती के कारण होती है, जिसे सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता लाकर हादसों को कम किया जा रहा है। उन्होंने कहा जागरूकता बढ़ाने के लिए हम सभी को सरकार, कॉरपोरेट्स व गैर सरकारी संगठनों को एक साथ आने की जरूरत है।
भारत में जीवन सस्ता नहीं
वी के सिंह ने कहा कि सड़क हादसों को कम करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं जिसमें कारों में इस्तेमाल होने वाले एयरबैग के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों को अपनाना शामिल है। “हमने हाल ही में एक अधिसूचना जारी की है कि सिर्फ दो एयरबैग पर्याप्त नहीं होंगे और छह होने चाहिए। ऑटो कंपनियों को उन्हीं मानकों का पालन करने की जरूरत है, जिनका पालन बाकी दुनिया करती है। भारत में जीवन सस्ता नहीं है।