चुनावी बांड जारी होने की तारीख से पंद्रह दिनों के लिए वैध होंगे। यदि चुनावी बांडों को वैधता अवधि खत्म होने के बाद जमा किया जाता है तो किसी भी प्राप्तकर्ता राजनीतिक दल को कोई पेमेंट नहीं किया जाएगा। वित्त मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई है कि किसी भी पात्र राजनीतिक दल जिस दिन चुनावी बॉन्ड को जमा करेंगे उसी दिन उनके अकाउंट में पैसा जमा हो जाएगा।
कौन खरीद सकता है चुनावी बॉन्ड
कोई भी भारतीय व्यक्ति अकेल या अन्य व्यक्तियों के साथ संयुक्त रूप से चुनावी बॉन्ड खरीद सकता है। वहीं जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29ए के तहत चुनावी बॉन्ड लेने के लिए वही राजनीतिक दल पात्र होंगे जो पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनावों में कम से कम एक प्रतिशत वोट प्राप्त किए हों।पात्र राजनीतिक पार्टीयां चुनावी बॉन्ड को केवल अधिकृत बैंक के बैंक खाते के माध्यम से ही इसे भुना कर पैसे प्राप्त कर सकते हैं।
कोई भी भारतीय व्यक्ति अकेल या अन्य व्यक्तियों के साथ संयुक्त रूप से चुनावी बॉन्ड खरीद सकता है। वहीं जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29ए के तहत चुनावी बॉन्ड लेने के लिए वही राजनीतिक दल पात्र होंगे जो पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनावों में कम से कम एक प्रतिशत वोट प्राप्त किए हों।पात्र राजनीतिक पार्टीयां चुनावी बॉन्ड को केवल अधिकृत बैंक के बैंक खाते के माध्यम से ही इसे भुना कर पैसे प्राप्त कर सकते हैं।
क्यों जारी किए जाते हैं चुनावी बॉन्ड
भारत सरकार ने चुनावी बांड योजना को 2018 के राजपत्र अधिसूचना संख्या 20 के तहत 2 जनवरी 2018 को अधिसूचित किया है। राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले डोनेटसन के जरिए होने वाले भष्ट्राचार को रोका जाए। जो लोग भी किसी भी राजनीतिक पार्टियों को जो भी पैसा डोनेट करना चाहते हैं वह इस बॉन्ड के जरिए डोनेट कर सकते हैं।
भारत सरकार ने चुनावी बांड योजना को 2018 के राजपत्र अधिसूचना संख्या 20 के तहत 2 जनवरी 2018 को अधिसूचित किया है। राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले डोनेटसन के जरिए होने वाले भष्ट्राचार को रोका जाए। जो लोग भी किसी भी राजनीतिक पार्टियों को जो भी पैसा डोनेट करना चाहते हैं वह इस बॉन्ड के जरिए डोनेट कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें