इन दोनों नेताओं ने आज गांधीनगर में आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता हासिल की। भाजपा की ओर से प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने दोनों को भाजपा का पटका पहनाकर पार्टी में शामिल कराया। कांग्रेस के ये दोनों नेता पहले से कांग्रेस से नाराज चल रहे थे। पिछले महीने ही इन दोनों ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया था।
कांग्रेस के इन दोनों नेताओं ने पिछले नेताओं ने कहा था कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास कार्यो से प्रभावित हैं। मेहसाणा के विजापुर विधानसभा सीट से तीन बार के कांग्रेस विधायक नरेश रावल ने कहा था कि मुझे पार्टी से कई शिकायतें हैं, लेकिन इन सभी मुद्दों पर बात करने का यह सही समय नहीं है, लेकिन पार्टी को ‘जय हिंद’ कहने का फैसला किया। मैं जल्द ही बीजेपी में शामिल होऊंगा और पार्टी नेतृत्व जो भी काम देगा, वह करूंगा।
दूसरी ओर कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सांसद राजू परमार ने कहा था कि मैं पिछले 35 सालों से कांग्रेस से जुड़ा रहा। लेकिन दुर्भाग्य से पार्टी नेतृत्व ने नवागंतुकों को महत्व देना शुरू कर दिया है। उन्होंने आगे कहा था कि मैंने पार्टी से कभी किसी पद या एहसान की मांग नहीं की। लेकिन अब पार्टी नेतृत्व की गतिविधियां हमारे काम करने लायक नहीं बची है।
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले नरेश रावल और राजू परमार की गिनती गुजरात में कांग्रेस के चोटी के नेताओं में होती थी। नरेश रावल को गृह राज्यमंत्री बनाया गया था। वो थोड़े समय के लिए विपक्ष के नेता भी रहे। नरेश रावल पांच बार विधानसभा उम्मीदवार के रूप में नामांकित हुए, तीन बार चुनाव जीतने में सफल रहे। दूसरी ओर राजू परमार को कांग्रेस ने तीन बार राज्यसभा भेजा था। साथ ही उन्हें अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था। इन दोनों से पहले पाटीदार आंदोलन के नेता और कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने भाजपा का दामन थामा था।