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कोरोना के बाद H3N2 वायरस का कहर: अब तक 6 की हुई मौत, जानिए उपचार व रोकथाम

locationनई दिल्लीPublished: Mar 10, 2023 02:38:24 pm

Submitted by:

Shaitan Prajapat

H3N2 Influenza Virus : कोरोना वायरस के बाद अब H3N2 वायरस (इन्फ्लूएंजा वायरस) तेजी से फैल रहा है। H3N2 वायरस से देश में अब तक 6 लोगों की मौत हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, कर्नाटक, पंजाब और हरियाणा में H3N2 वायरस से मौत की पुष्टि हुई है।

H3N2 influenza virus

H3N2 influenza virus

H3N2 Influenza Virus : महामारी कोरोना वायरस के बाद अब H3N2 वायरस (इन्फ्लूएंजा वायरस) ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। H3N2 वायरस के कारण होने वाले इन्फ्लूएंजा से अब तक छह लोगों की मौत हो गई है। कर्नाटक के हासन जिले में एक मौत दर्ज की गई। पंजाब और हरियाणा में भी मामले सामने आए। कुछ दिनों पहले कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने कहा था कि एच3एन2 वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है।


कर्नाटक में मृतक की पहचान हिरे गौड़ा (82) के रूप में हुई है, जिनकी मृत्यु 1 मार्च को हुई थी। उन्हें 24 फरवरी को एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके नमूने 6 मार्च को परीक्षण के लिए भेजे गए थे, जिसके बाद यह पुष्टि हुई कि उनकी मृत्यु H3N2 वायरस से हुई है। हसन जिले में कोई अन्य मामला सामने नहीं आया।

भारत में पिछले कुछ महीनों में हजारों मामलों की रिपोर्ट करने वाले देश भर के अस्पतालों के साथ H3N2 इन्फ्लूएंजा का अचानक प्रकोप दर्ज किया गया है। H3N2 वायरस एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा वायरस है जिसे इन्फ्लूएंजा A वायरस कहा जाता है। यह एक श्वसन वायरल संक्रमण है जो हर साल बीमारियों का कारण बनता है।

एम्स-दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि इन्फ्लूएंजा के मामले बुखार के साथ गले में खराश, खांसी, शरीर में दर्द और नाक बहने के लक्षण नजर आते है। इनके अलावा लक्षणों में दस्त, उल्टी और सांस फूलना भी शामिल है। डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि मामलों में वृद्धि हुई है क्योंकि वायरस उत्परिवर्तित हुआ है और इसके खिलाफ लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कहा कि H3N2 वायरस अन्य की तुलना में अधिक अस्पताल में भर्ती होने का कारण बनता है। ICMR ने कहा कि बुखार तीन दिनों के बाद चला जाता है, लेकिन खांसी तीन सप्ताह तक बनी रह सकती है।


ICMR ने एक एडवाइजरी जारी कर लोगों को इस इन्फ्लूएंजा के प्रकोप में स्व-दवा और एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग से बचने के लिए कहा था। आईसीएमआर ने बुखार और बदन दर्द की स्थिति में पैरासिटामोल के इस्तेमाल की सलाह दी है। डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि वायरस को पकड़ने से रोकने का तरीका भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना, बार-बार हाथ धोना और शारीरिक दूरी बनाना है।

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