ये थी याचिकाकर्ता की दलील
कोर्ट में याचिकर्ताओं ने कहा कि निजी क्षेत्र में योग्यता और कौशल के आधार पर लोगों को जॉब दी जाती है, ऐसे में निजी कंपनियों से कर्मचारियों को चुनने का अधिकार ही छीन लिया जाएगा तो वे अपने कारोबार को आगे कैसे बढ़ा पाएंगे।
हरियाणा के युवाओं को निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 फीसदी आरक्षण आज से लागू
Haryana Govt's 75% quota for locals in private jobs put on hold by Punjab and Haryana High Court pic.twitter.com/Opm6UvG7lj
— ANI (@ANI) February 3, 2022
ये भी दिया तर्क
याचिका में हरियाणा सरकार के इस फैसले को योग्य लोगों के अधिकारों का हनन बताया। तर्क दिया गया कि इस तरह के फैसले से उन पढ़े-लिखे युवाओं के अधिकारों का हनन है जो कि अपनी प्रतिभा के आधार पर देश के किसी भी हिस्से में नौकरी करने के लिए स्वतन्त्र है।
गुरुग्राम इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के वकील ने कोर्ट से कहा कि ये कानून लागू होने से निजी क्षेत्र को नुकसान होगा और हरियाणा में अराजकता की स्थिति पैदा हो सकती है।
इस फैसले के बाद उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने इस कानून के कार्यान्वयन पर खुशी जाहिर करते हुए कहा था कि ये युवाओं के लिए एक ऐतिहासिक दिन है।
15 जनवरी से लागू हुआ था फैसला
दरअसल हरियाणा की खट्टर सरकार ने 15 जनवरी को ही इस फैसले को लागू किया था और 20 दिन के अंदर ही कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। खट्टर सकरार का कहना था कि इस प्रणाली के लागू होने से निजी क्षेत्र में लाखों युवाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।