कोर्ट में जिरह के दौरान राम जेठमलानी ने जेटली को एक लेख दिखाया। जिसके बाद वित्त मंत्री जेटली ने आपत्ति जताई। बार बार जेठमलानी द्वारा एक ही सवाल दोहराए जाने से विफरे जेटली ने कहा कि क्या राम जेठमलानी को केजरीवाल ने अनुमति दे दी है कि वह उनके खिलाफ गलत शब्दों का इस्तेमाल करें।
अरुण जेटली के इस आपत्ति और जेठमलानी द्वारा उनके खिलाफ इस्तेमाल किए गए शब्दों के कारण केजरीवाल और आप के अन्य नेताओं के खिलाफ दायर 10 करोड़ रुपए के दीवानी मानहानि के मुकदमे में जेटली का बयान दर्ज नहीं हो सका।
संयुक्त रजिस्ट्रार दीपाली शर्मा के समक्ष उपस्थित वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि अगर जेठमलानी को केजरीवाल ने गलत शब्द कहने की अनुमति दे दी है तो मैं केजरीवाल के खिलाफ 10 करोड़ रुपए की मानहानि की राशि को बढ़ाने वाला हूं। साथ ही कहा कि किसी के अपमान की भी एक सीमा होती है।
वहीं वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने अदालत में कहा कि मैं अरुण जेटली को गलत साबित कर दूंगा। कोर्ट में उपस्थित जेटली के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर और संदीप सेठी ने जब कहा कि जेठमलानी गलत सवाल कर रहे हैं और उन्हें खुद को ऐसा करने से रोकना चाहिए। क्योंकि यह मामला जेटली बनाम केजरीवाल है ना कि जेठमलानी बनाम जेटली है। तो वहीं जेठमलानी ने कहा कि इस शब्द का इस्तेमाल वह केजरीवाल के निर्देश के बाद किया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय में इस मामले की अगली सुनवाई 28 और 31 जुलाई को होगी। गौरतलब है कि दिल्ली सीएम केजरीवाल और आप नेताओं ने 2000 से 2013 तक डीडीसीए का अध्यक्ष रहने के दौरान जेटली पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया था। जिसके बाद जेटली ने इन नेताओं पर 10 करोड़ का मानहानि का मुकदमा कर क्षति पूर्ति की मांग की थी।