‘अब गांव में मैं अकेले कैसे रहूं?’
अनिता ने रूंधे हुए गले के साथ बताया, “पूरा गांव तबाही की भेंट चढ़ गया। सिर्फ मेरा घर ही बच पाया। मेरी आंखों के सामने सबकुछ बह गया। अब मुझे यह समझ नहीं आ रहा कि मुझे किसके साथ रहना चाहिए।”
मेरे घर में 15 लोग थे, सभी रात में बह गए: पीड़ित
समेज गांव के ही एक बुजुर्ग बख्शी राम ने भी मीडिया से अपना दुख साझा किया। अपनी दर्द भरी दास्तान सुनाते हुए उनके आंखों से आंसू झर रहे थे। उन्होंने कहा, ”मेरे परिवार के करीब 14 से 15 लोग बाढ़ में बह गए। मुझे रात 2 बजे बाढ़ की खबर मिली और मैं उस वक्त रामपुर में था इसलिए मैं बच गया। मैं सुबह 4 बजे जब यहां पहुंचा तब सबकुछ लुट चुका था। मैं अपने प्रियजनों की तलाश कर रहा हूं। उम्मीद कर रहा हूं कि मेरे परिवार का कोई सदस्य जीवित मिल जाए।
बादल फटने से आई बाढ़ में 53 लोग हुए लापता
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के कुल्लू, मंडी और शिमला क्षेत्रों में बादल फटने और अचानक आई बाढ़ के बाद शनिवार तक कुल 53 लोग लापता हैं और छह शव बरामद किए गए हैं। वहीं डीडीएमए के विशेष सचिव डीसी राणा ने कहा कि बाढ़ से 60 से ज्यादा घर बह गए और कई गांव गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं।