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Himachal Pradesh: जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाने पर होगी 10 साल की जेल, लगेगा भारी जुर्माना

locationनई दिल्लीPublished: Aug 13, 2022 07:40:59 pm

Submitted by:

Archana Keshri

हिमाचल प्रदेश में अब जबरन धर्म परिवर्तन करवाना लोगों पर भारी पड़ेगा। पकड़े जाने पर 10 साल की जेल की सजा होगी और 2 लाख रूपये तक का जुर्माना भरना होगा। प्रदेश में अब जबरन या किसी भी तरह के लालच से सामू‍हिक धर्म परिवर्तन को भी अपराध की श्रेणी में ला दिया गया है।

Himachal Bans "Mass Conversion", 10-Year Jail For Forced Religion Change

Himachal Bans “Mass Conversion”, 10-Year Jail For Forced Religion Change

हिमाचल प्रदेश में अब जबरन या किसी भी तरह के लालच से सामू‍हिक धर्म परिवर्तन भी अपराध की श्रेणी में आएगा। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मौजूदा धर्मांतरण रोधी कानून में संशोधन के लिए एक विधेयक शुक्रवार को पेश किया गया। जयराम ठाकुर सरकार ने राज्य में धर्मांतरण के मौजूदा कानून में बदलाव करने के उद्देश्य से ‘हिमाचल प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2022’ पेश किया। अब प्रदेश में धर्म परिवर्तन पर कानून पहले से अधिक कठोर हो गया है। धर्म परिवर्तन के मामलों को रोकने के लिए कई कड़े नियम बनाए हैं।
 


संशोधित विधेयक के अनुसार राज्य में जबरन, कपट पूर्ण तरीके से अथवा विवाह के वक्त जाति छिपाने पर इसका खुलासा होने पर कड़ी सजा हो सकेगी। इसमें अब अधिकतम 10 वर्ष की कैद का प्रावधान किया गया है, वहीं जुर्माना भी बढ़ाकर दो लाख रुपए कर दिया गया है। यही नहीं, धर्म परिवर्तन को सरकार ने अब गैर जमानती अपराध भी बना दिया है और इस तरह के मामलों की जांच सब इंस्पेक्टर के रैंक से नीचे के अधिकारी नहीं कर पाएंगे। संशोधन विधेयक में कहा गया है कि दो अथवा दो अधिक व्यक्तियों द्वारा एक साथ धर्म परिवर्तन करने पर उसे सामूहिक धर्म परिवर्तन माना जाएगा।
 


बिल में यह भी प्रावधान किया गया है कि अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे धर्म के व्यक्ति से विवाह करने के लिए अपने धर्म को छिपाता है तो शिकायत मिलने पर अगर वह साबित हो जाता है तो ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कम से कम 3 साल की सजा का प्रावधान किया गया है। वहीं इस सजा को 10 साल तक बढ़ाया भी जा सकता है। इसके अलावा कम से कम जुर्माने 50 हजार रुपये किया गया है जिसे एक लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है। सामूहिक धर्म परिवर्तन करने पर दोषी पाए जाने वाले के खिलाफ कम से कम 5 साल की सजा का प्रावधान किया गया है और इस सजा को 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है। वहीं इसके साथ कम से कम डेढ़ लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है, जिसे दो लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है।
 


विधेयक में प्रावधान प्रस्तावित है कि कानून के तहत की गईं शिकायतों की जांच सब इंस्पेक्टर से नीचे दर्जे का कोई पुलिस अधिकारी नहीं करेगा। इस मामले में मुकदमा सत्र अदालत में चलेगा।
 


हिमाचल के धर्मांतरण कानून में प्रावधान है कि यदि कोई धर्म बदलना चाहता है तो उसे जिलाधिकारी को एक महीने का नोटिस देना होगा कि वे स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन कर रहे हैं। अगर कोई दोबारा से अपने मूल धर्म में आना चाहताहै तो उसे कोई पूर्व नोटिस नहीं देना होगा। वहीं, व्यक्ति धर्म परिवर्तन के बाद भी अपने मूल धर्म के तहत सुविधा प्राप्त नहीं कर सकता यह अपराध की श्रेणी में आता है। अगर कोई व्यक्ति सुविधाओं का लाभ उठाता है तो उसे दो साल की सजा का प्रावधान किया गया जसे पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है, जबकि जुर्माने को पांच हजार से एक लाख रुपये तक किया जा सकता है।

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