सेना के बहादुर जवानों के मौत केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि देश के विकास कार्यों से बौखलाए नक्सलियों ने यह हमला किया है। उनका कहना कि देश के विकास में बामपंथी नक्सली सोच सबसे बड़ी अवरोध है। साथ ही ये नक्सली गरीब आदिवासियों और यहां के लोगों के सबसे बड़े दुश्मन हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि नक्सलियों का इरादा कभी पूरा होने नहीं देंगे।
गृह मंत्री सुरक्षा बलों पर बोलते हुए कहा कि देश की रक्षा में शामिल सुरक्षा बलों की क्षमता पर हमें कोई शंका नहीं है। और ना ही इसपर कोई सवाल है। उनका कहना कि इस समय किसी पर भी आरोप लगाना सही नहीं है। शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों का बलिदान बेकार नहीं जाने दिया जा सकता है। हम इस हमले को एक चुनौती की तरह स्वीकार करते हैं और इसे लेकर केंद्र सरकार और राज्य एक दूसरे साथ मिलकर काम करेंगे।
नक्सली हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद राजनाथ सिंह सीधे रामकृष्ण केयर अस्पताल जाकर घायल सीआरपीएफ जवानों से मुलाकात की। इस दौरान प्रदेश के सीएम रमन सिंह भी उनके साथ मौजूद थे। तो वहीं सुकमा में हुए नक्सली हमले को लेकर आगामी 8 मई को गृह मंत्री ने दिल्ली में एक अहम बैठक बुलाई है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के सुकमा में सोमवार दोपहर नक्सलियों से हुई मुठभेड़ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 26 जवान शहीद हो गए। 11 जवान घायल हैं और सात जवान अभी भी लापता हैं। तो वहीं इस मुठभेड़ में छह नक्सली मारे गए। जवान खाने की तैयारी में थे तभी घात लगाए 300 नक्सलियों ने दल पर फायरिंग शुरु कर दी थी। इस हमले को 6 अप्रेल, 2010 में दंतेवाड़ा के बाद नक्सलियों का सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है।