दो साल पहले देखा गिरावट का दौर
2023 के घटनाक्रम इस साइबर खतरे की उभरती प्रकृति, वैश्विक संस्थानों में बड़े पैमाने पर इसके प्रभाव को उजागर करते हैं। हालांकि अन्य क्रिप्टो संबंधित अपराधों जैसे स्कैमिंग और हैकिंग से होने वाले नुकसान में 2023 में गिरावट दर्ज की गई। वहीं 2022 में रूस-यूक्रेन जैसे भूराजनीतिक संघर्षों के कारण इन हमलों में कमी देखी गई थी । इन संघर्षों की वजह से साइबर हमलावरों का काम न केवल बाधित हुआ बल्कि उनका ध्यान वित्तीय लाभ से हटकर जासूसी और विनाश के उद्देश्य से प्रेरित साइबर हमलों पर केंद्रित हो गया।
रैंसमवेयर हमलावरों की संख्या में भारी वृद्धि
चैनालिसिस रिपोर्ट में हालात और भी खराब होने की आशंका जताई गई है। रैंसमवेयर का मायाजाल व्यापक है और लगातार बढ़ रहा है, जिससे हर घटना की निगरानी करना या क्रिप्टोकरेंसी में किए गए सभी फिरौती भुगतान का पता लगाना चुनौतीपूर्ण हो गया है। साइबर सिक्योरिटी फर्म रेकॉर्डेड फ्यूचर के अनुसार रैंसमवेयर हमलों को अंजाम देने वाले हमलावरों की तादाद बढ़ी है। 2023 में 538 नए रैंसमवेयर वेरिएंट की सूचना मिली, जो नए स्वतंत्र समूहों की ओर इशारा करती है।
मध्यम आकार के व्यवसायी निशाने पर
आमतौर पर इन हमलावरों को फिरौती में मांगी गई रकम हासिल करने में दिन, सप्ताह, महीनों और कई बार सालभर का समय लग जाता है। इसलिए गत वर्ष देखी गई लॉन्ड्रिंग की घटनाएं अतीत में हुए हमलों से भी जुड़ी हुई हैं। वहीं फोरस्काउट रिसर्च के अनुसार 2023 में महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर 42 करोड़ से अधिक साइबर हमले हुए, जो प्रति सेकंड 13 हमलों के बराबर हैं। ‘रैनसमवेयर की स्थिति 2024’ रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल अपराधियों ने मध्यम आकार के व्यवसायों को सबसे ज्यादा(65%) निशान बनाया।