जटिल प्रक्रिया के बाद बदलता है जेंडर वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी के मुताबिक जेंडर बदलवाने के लिए अत्यधिक जटिल सर्जरी जरूरत होती है पर ऑपरेशन के पहले जेंडर चेंज करवाने वाले व्यक्ति को दो साइकोलॉजिकल टेस्ट से गुजरना होता है। एेसे लोगों को 18 महीने तक वैसी लाइफ जीनी होती है जिस जेंडर में वह जाना चाहते हैं।
ये है मामला पुराने भोपाल के 29 वर्षीय कपड़ा कारोबारी मनोज को 15 साल की उम्र में महसूस हुआ कि वो लड़कों के प्रति आकर्षित रहते हैं। वहीं, उन्हें लड़कियों की तरह रहने और बोलने का भी शौक है। परिवार के दबाव में उसने अपनी इच्छाओं को दबा लिया और इस दौरान शादी भी कर ली, पर अपने व्यवहार के कारण वह पत्नी से दूर रहने लगा। कुछ समय बाद मनोज ने पत्नी मालती को पूरी हकीकत बताई। उसने कहा कि वे लड़की बनना चाहता है। यह सुनकर मालती सदमे में आ गई।
सुहाग के लिए लिया फैसला करीब एक साल तक डिप्रेशन के इलाज के बाद मालती ने पति को जेंडर चेंज की अनुमति तो दी। साथ में एक शर्त रखी कि वे मनोज का साथ नहीं छोड़ेगी। इसलिए उनके साथ अपना भी जेंडर बदलवाएगी। उसके फैसले से परिवार अवाक रह गया, उन्हें मनाने में काफी समय लगा। तमाम रुकावटों के बाद अब दोनों का फस्र्ट स्टेज का ट्रीटमेंट शुरू हो गया है। मनोज के जहां हार्मोनल चेंज होने लगा है। संभवत: दिसंबर तक उसकी सर्जरी भोपाल के निजी अस्पताल में हो जाएगी। दंपती के रूप में दोनों के जेंडर बदलवाने का देश में पहला और अनूठा मामला है।