पर्यटन स्थलों ( Tourism ) पर लोगों की भीड़ रोज देखी जा सकती है, लेकिन अगर आप भी आने वाले समय में घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आपको एक बार फिर इस पर विचार करना चाहिए, क्योंकि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ( ICMR ) ने चेतावनी दी है कि लोगों की घूमने की इस आदत के कारण देश में जल्द ही कोविड-19 की तीसरी लहर आ सकती है।
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Corona Vaccination In India: बच्चों की देसी कोरोना वैक्सीन को जल्द मिल सकती है इजाजत, भारत बायोटेक ने DCGI को भेजा डाटा तीसरी लहर को लेकर विशेषज्ञों ने चेतावनी जारी की है। विशेषज्ञों ने जरूरी और जिम्मेदार यात्रा पर जोर देते हुए कहा कि पर्यटकों की संख्या में वृद्धि और सामाजिक, राजनीतिक या धार्मिक कारणों से होने वाली सामूहिक सभाओं के कारण संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं।
इससे कुछ राज्यों में संभावित तीसरी लहर की स्थिति डराने वाली हो सकती है। बता दें कि देश में केरल, आंध्र प्रदेश में स्थिति अब भी चिंताजनक है। जबकि महाराष्ट्र को लेकर भी सरकार सतर्क है।
आईसीएमआर और इंपीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने अपने संयुक्त शोध में कहा है कि इस तरह घूमने योजनाएं से भारत में कोरोना की तीसरी लहर को दावत दे सकती है। फरवरी-मार्च 2022 में उच्चतम स्तर पर हो सकता है संक्रमण
शोध के मुताबिक भारत में अगले साल एक बार फिर कोरोना के बड़े खतरे को लेकर आगाह किया गया है। इसके मुताबिक फरवरी और मार्च के बीच कोरोना संक्रमण उच्चतम स्तर पर होने की आशंका है।
बतादें कि यह शोध पिछले महीने ट्रैवल मेडिसिन नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इसमें इस बात की गणना की गई है कि क्या घूमने के कारण भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर आ सकती है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस शोध में आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव भी बतौर शोधकर्ता शामिल हैं। शोधकर्ताओं ने कहा कि छुट्टियों की एक अवधि संभावित तीसरी लहर की आशंका को 103 फीसदी तक बढ़ा सकती है और उस लहर में संक्रमण के मामले 43 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं।
शोधकर्ताओं ने गणितीय मॉडल के जरिए हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य में आई कोरोना वायरस संक्रमण की पहली और दूसरी लहर का आकलन किया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक दूसरी लहर अधिक गंभीर थी, लेकिन कम आबादी वाले छोटे राज्यों में यह कम घातक रही थी। इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों में बाद में कोरोना चरम पर पहुंचा था।
हिमाचल प्रदेश के आंकड़ों से पता चलता है कि सामान्य छुट्टियों के मौसम में पर्यटन जनसंख्या में 40 फीसदी की वृद्धि कर सकता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए सामान्य समय में प्रतिबंधों में ढील की स्थिति की तुलना में छुट्टियों के मौसम में तीसरी लहर की चरम स्थिति 47 प्रतिशत तक बढ़ सकती है और यह स्थिति दो सप्ताह पहले आ सकती है।
यह भी पढ़ेँः कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर भारत ने रचा नया कीर्तिमान, जानिए कितने करोड़ के पार पहुंचा आंकड़ा कोरोना नियमों का सख्ती से हो पालनविशेषज्ञों की मानें तो तीसरी लहर के बचने के लिए पर्यटन स्थलों पर कोरोना नियमों का सख्ती से पालन होना चाहिए।