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IMD Monsoon 2024 Update: झमाझम बारिश लेकर आएगा मानसून, अबकी बार मौसम गाएगा मल्हार

IMD Monsoon 2024 Update: इस साल एक तरफ गर्मी (Summer) को लेकर जहां मौसम विभाग (Weather Department) ने चेतावनी जारी की है वहीं मानसून को लेकर खुशखबरी (Good News) भी सुनाई है।
 

Apr 06, 2024 / 04:56 pm

Anand Mani Tripathi

Heavy rain alert prediction in UP

IMD Monsoon 2024 Update:अप्रेल की शुरुआत में ही देश के कई हिस्से गर्मी से तपने लगे हैं। राहत की बात ये है कि मौसम वैज्ञानिकों ने इस वर्ष हुए उन मौसमी बदलावों को दक्षिण-पश्चिम मानसून के अनुकूल बताया है, जो अल नीनो की कमजोर स्थिति से सामने आए। विशेषज्ञों के मुताबिक इस वर्ष जून की शुरुआत तक अल नीनो की तटस्थ स्थिति बन सकती है, जो अच्छे मानसून का संकेत है। इसके बाद जुलाई से सितंबर तक ला नीना की स्थिति बनती हुई नजर आ रही हैं, जिससे मध्य प्रशांत महासागर ज्यादा गर्म नहीं होगा और दक्षिण-पश्चिम मानसून पर इसका असर नहीं पड़ेगा।

भारतीय मौसम विभाग के निदेशक मृत्युंजय महापात्र ने भी एक बातचीत में अच्छे मानसून की संभावना को रेखांकित किया है। उनका कहना है कि ला नीना की तटस्थ स्थिति दक्षिण-पश्चिम मानसून के लिए अच्छी मानी जाती है, जबकि अल नीनो को नहीं। पिछले दशकों में 60 फीसदी वर्षों में अल नीनो का मानसून पर नकारात्मक असर दिखा है, लेकिन पिछले वर्ष ऐसा नहीं था। महापात्र ने कहा, इस वर्ष भी बर्फबारी कम रही, लेकिन इसे नकारात्मक नहीं कह सकते। यह बदलाव मानसून के लिए अनुकूल है।

 


निजी मौसम एजेंसी स्काइमेट के मुताबिक मध्यप्रदेश पर एक चक्रवाती परिसंचरण विकसित होने का अनुमान है, जबकि एक ट्रफ रेखा आंतरिक कर्नाटक से पूर्वी मध्यप्रदेश तक फैलेगी। इसके अलावा, पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी पर एक प्रति-चक्रवात मौसम प्रणाली में नमी बनाएगा। इस मौसम प्रणाली के कारण कुछ स्थानों पर अप्रेल के मध्य तक आंधी, बारिश और तेज हवाएं चलने का अनुमान है, जिससे हीटवेव से राहत मिलेगी।

 


देश में 70 फीसदी वर्षा दक्षिण-पश्चिम मानसून से ही होती है, जो कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है। कृषि क्षेत्र देश की जीडीपी में लगभग 14 फीसदी का योगदान देता है। आधे से ज्यादा रोजगार कृषि और कृषि क्षेत्रों से जुड़े हैं। वर्ष 2023 में मजबूत अल नीनो के कारण औसत (868.6 मिमी) से कम (820 मिमी) बारिश हुई थी।

 


भारत मौसम विभाग (आइएमडी) मानसूनी वर्षा का पूर्वानुमान तीन प्रमुख जलवायु घटनाओं को देखकर करता है। पहला अल नीनो, दूसरा है हिंद महासागर द्विध्रुव (आइओडी) जो भूमध्यरेखीय हिंद महासागर के पश्चिमी और पूर्वी किनारों के अलग-अलग तापमान के कारण होता है। तीसरा, उत्तरी हिमालय और यूरेशियन भूभाग पर बर्फ का आवरण है, जो भारतीय मानसून पर भी प्रभाव डालता है।

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