scriptओमिक्रॉन की तीसरी लहर का आम आदमी पर क्या पड़ेगा असर, क्या रहेगा GDP का हाल | Impact of corona third wave on GDP | Patrika News

ओमिक्रॉन की तीसरी लहर का आम आदमी पर क्या पड़ेगा असर, क्या रहेगा GDP का हाल

locationनई दिल्लीPublished: Jan 06, 2022 04:22:38 pm

Submitted by:

Arsh Verma

कोरोना वायरस की तीसरी लहर ने संक्रमण की दर को बढ़ा दिया है। राज्‍य सरकारों ने कड़े प्रतिबंध लगाने शुरू कर दिए हैं। अब इन सब का असर जीडीपी पर क्या पड़ेगा, आईए समझते हैं।

corona_2.jpg

Public

नए साल के साथ कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का भी आगमन हो गया है। अब कोरोना देश में अपने पैर तेजी से फैला रहा है। आए दिन मरीजों की संख्या बढ़ रही है। राज्‍य सरकारों ने कड़े प्रतिबंध लगाने शुरू कर दिए हैं। हालांकि अभी तक इन प्रतिबंधों की वजह से धीरे ही सही लेकिन सुधर रही अर्थव्‍यवस्‍था (Indian Economy) के घाव फ‍िर से हरे होने की आशंका बढ़ गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि फैक्ट्रियों, कंपनियों, होटल, रेस्‍तरां, जिम आदि के 50 प्रतिशत क्षमता पर परिचालन करने से वित्‍त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में GDP (GDP-Gross domestic Product) की विकास की दर प्रभावित होगी।
कोरोना की पहली और दूसरी लहर में पूरी तरह टूट चुके संपर्क गहन क्षेत्र जैसे टूर एंड ट्रैवल्‍स, टूरिज्‍म, होटल और रेस्तरां, बड़ी मुश्किल से अपने पैरों पर खड़ा होने की कोशिश कर रहे थे। अब तीसरी लहर ने इनके झुके कंधों और झुका दिया है।

समझिए GDP के बारे में:
ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी सकल घरेलू उत्पाद (Gross domestic product) देश की आर्थिक तरक्की की जानकारी देता है। सालभर में कैसा प्रदर्शन किया है और किन विषयों में वह मज़बूत या कमज़ोर रहा है। उसी तरह जीडीपी आर्थिक गतिविधियों के स्तर को दिखाता है और इससे यह पता चलता है कि किन सेक्टरों की वजह से इसमें तेज़ी या गिरावट आई है।

एचडीएफसी बैंक के मुख्‍य अर्थशास्‍त्री का कहना है:
HDFC बैंक के मुख्‍य अर्थशास्‍त्री अभीक बरुआ का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर से वैश्विक सुधार की रफ्तार धीमी पड़ेगी। राज्‍यों में लगाए गए प्रतिबंधों का असर देश के निर्यात पर पड़ेगा। ऐसे में जनवरी-मार्च तिमाही में GDP वृद्धि में 20 से 30 आधार अंकों की गिरावट आने का अंदेशा है। एचडीएफसी ने वित्‍त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि अनुमान 6.1 प्रतिशत रखा है, जिसमें अब कमी आ सकती है।

8.4 प्रतिशत की थी रफ्तार:
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानी NSO सात जनवरी को वित्त वर्ष 2021-22 के लिए जीडीपी के लिए पहला अग्रिम अनुमान जारी करेगा। भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही में 8.4% की रफ्तार से आगे बढ़ी थी।

आम आदमी पर असर:
लाजमी है कि पिछले साल कोरोना ने सभी की कमर तोड़ दी थी। पूरे देश में लगे लॉकडॉन के बाद सभी की आर्थिक स्थिति हिल गई थी। हालांकि सरकार की तरफ से कुछ गरीबों को मदद के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं थी लेकिन फिर भिंडेश का एक बड़ा तबका आर्थिक रूप से टूट गया गया था, कई लोग बेरोजगार हुए थे। इस बार की स्तिथि देख कर लोगो में डर है एक्सपर्ट्स ने तीसरी लहर का जिक्र पहले ही कर दिया है। अभी कुछ जगह वीकेंड कर्फ्यू का ऐलान किया गया है। पूरी तरह से पाबंदियां नहीं लगाई गई है। लोगों को अभी से सतर्क होना पड़ेगा और ये प्रयास करना पड़ेगा की संक्रमण न बढ़े।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो