ये समान आपके घर से भी होंगे गायब
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार सभी प्रकार की प्लास्टिक रॉड, सजावट के लिए पॉलीस्टाइनिन (थर्मोकोल), प्लास्टिक की प्लेट, कप, गिलास,चम्मच, चाकू, पुआल, ट्रे, रैपिंग या पैकिंग फिल्म मिठाई के बॉक्स, सिगरेट के पैकेट, प्लास्टिक या पीवीसी बैनर सहित अन्य सिंगल यूज प्लास्टिक से बनने वाले समान 1 जूलाई से पूरी तरह बैन हो जाएंगे। ये सभी सिंगल यूज प्लास्टिक से बने समान जब मार्केट में मिलना बंद हो जाएंगे तो धीरे-धीरे आपके घरों से भी यह गायब हो जाएंगे।
ज्यादा टिकाऊ भी नहीं हैं पेपर स्ट्रॉ
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमूल ग्रुप के अलावा पारले ने भी भारत सरकार को एक पत्र लिखा था, पारले ने पत्र के माध्यम से कहा था कि वैकल्पिक स्ट्रॉ का पर्याप्त मात्रा में स्थानीय उत्पादन नहीं है। इसके साथ ही आयातित कागज और बायोडिग्रेडेबल वेरिएंट लगभग 250% अधिक महंगे हैं। इसके साथ ही पेपर स्ट्रॉ ज्यादा टिकाऊ भी नहीं हैं।
बैन से पेय पदार्थ हो जाएंगे महंगे
अमूल डेयरी ग्रुप के प्रबंध निदेशक आरएस सोढ़ी ने बैन लगने से पहले कहा था कि प्लास्टिक स्ट्रॉ अमूल के आठ अरब डॉलर के प्रोडक्ट को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। अगर सरकार प्रतिबंध में देरी कर देती है तो 10 करोड़ डेयरी किसानों को राहत व लाभ मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया था कि देश में 5 रुपए से लेकर 30 रुपए के पेय पदार्थ काफी लोकप्रिय हैं, प्लास्टिक स्ट्रॉ पर बैन लगने से इन पेय पदार्थों में पेपर स्ट्रा यूज करना पड़ेगा, जिसके कारण यह महंगे हो जाएंगे।
सिंगल यूज प्लास्टिक क्या है?
सिंगल यूज प्लास्टिक वह प्लास्टिक होते हैं, जिन्हें हम एक बार इस्तेमाल करके फेक देते हैं। ज्यादातर सिंगल यूज प्लास्टिक को रिसाइकिल भी नहीं किया जा सकता है। यह प्लास्टिक को ज्यादातर जला दिया जाता है, जिससे वायू प्रदूषण होता है। वहीं इन्हें ऐसे ही फेक दिया जाता है तो यह लंबे समय तक नष्ट नहीं होते हैं, जिससे यह पर्यावरण को लंबे समय तक नुकसान पहुंचाते हैं।