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रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए मोदी सरकार का बड़ा फैसला, हथियारों की खरीद के लिए सेना को असीमित वित्तीय अधिकार

Published: Jul 12, 2017 08:26:00 pm

Submitted by:

Abhishek Pareek

सेना को किसी भी तरह की आकस्मिक स्थिति से निपटने में पूरी तरह सक्षम बनाने के उद्देश्य से जरूरी हथियारों और गोलाबारूद की खरीद के असीमित वित्तीय अधिकार दिए हैं।

चीन के साथ डोकलाम क्षेत्र में गतिरोध और जम्मू कश्मीर में सीमा पार से आतंकवादी हमलों में तेजी के बीच सरकार ने सेना को किसी भी तरह की आकस्मिक स्थिति से निपटने में पूरी तरह सक्षम बनाने के उद्देश्य से जरूरी हथियारों और गोलाबारूद की खरीद के असीमित वित्तीय अधिकार दिए हैं। सेना के सूत्रों के अनुसार दो- तीन दिन पहले ही सरकार की ओर से इस आशय की अधिसूचना जारी की गर्इ है जिसमें सेना उप प्रमुख को किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए हथियारों, पुर्जों और गोला बारूद की कमी को पूरा करने के लिए असीमित वित्तीय अधिकार दिए गए हैं।
सेना को यह अधिकार हथियारों और गोला बारूद के भंडार को जरूरी निर्धारित स्तर तक बनाए रखने के लिए दिए गए हैं। सेना उप प्रमुख को असीमित वित्तीय अधिकार होंगे और वह जरूरत के हिसाब से कितनी भी खरीद कर सकेंगे। मौजूदा सुरक्षा परिस्थितियों को देखते हुए सरकार के इस फैसले को बडा नीतिगत और महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है। पिछले काफी समय से यह महसूस किया जा रहा था कि सेना के जरूरत के अनुरूप हथियारों और गोलाबारूद का भंडार नहीं है और इस संबंध में लगातार मांग उठ रही थी।
सूत्रों के अनुसार इसके लिए मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति तथा रक्षा मंत्रालय की रक्षा खरीद परिषद से मंजूरी लेने की भी जरूरत नहीं होगी। अभी तक पांच हजार करोड रूपए से अधिक की खरीद के लिए सुरक्षा मामलों की समिति से मंजूरी लेनी जरूरी थी।
सूत्रों ने बताया कि मौजूदा जरूरत को देखते हुए यदि इन अधिकारों का इस्तेमाल कर हथियारों और गोला बारूद की खरीद की जाये तो यह 40,000 करोड रूपये तक हो सकती है। अधिसूचना में यह स्पष्ट किया गया है कि ये वित्तीय अधिकार राजस्व व्यय के तहत तथा मंत्रालय के बजटीय प्रावधानों के अनुरूप होंगे।

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