दरअसल, भारतीय सेना अपने बेड़ें में ज्यादा से ज्यादा स्वदेशी विमानों को शामिल करने पर बल दे रही है। ऐसे में भारतीय वायु सेना अमरीकी एफ-16 और स्विडिश साब ग्रिपेन फाइटर एयरक्राफ्ट का ट्रायल लेने वाली है। जहां दोनों देशों में से किसी एक देश के फाइटर एयरक्राफ्ट को चुनकर कांबेट प्लेन बनाने की योजना है। जिस पर कुल लागत 1.3 लाख करोड़ रुपए होने की संभावना जताई जा रही है।
रक्षा मंत्रालय ने सैन्य क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ाने का फैसला किया है। उसी योजना के को देखते यह फैसला लिया गया है। तो वहीं कहा जा रहा है कि सेना के आधुनिकीकरण के लिए बजट में इजाफा और विमानों की कीमत कम नहीं होने के कारण यह सौदा रद्द किया गया है। इससे पहले अमरीकी कंपनी सिकोरस्की ने इस सौदे की अवधि बढ़ाने से इनकार कर दिया था।
गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी 25 जून को अमेरिका के लिए रवाना हो रहे हैं, जहां 26 जून को उनकी मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से होगी। विदेश मंत्रालय का कहना है कि पीएम मोदी और ट्रप की ये मुलाकात दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को और अधिक मजबूती प्रदान करने वाला होगा। तो वहीं इस यात्रा के दौरान वीजा संबंधी बदलावों को लेकर भी अहम चर्चा हो सकती है।