पूर्वी लद्दाख की विवादित पैंगोंग झील पर चीन के दूसरे पुल निर्माण-कार्य शुरू कराए जाने संबंधी खबर सामने आते ही कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट करते हुए लिखा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि चीन पैंगोंग झील पर दूसरा पुल बना रहा है। मोदी सरकार इस मुद्दे पर सरेंडर कर चुकी है। क्या प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री इस मसले पर कुछ बोलेंगे?
बताते चले कि इससे पहले भी चीन ने पैंगोंग झील के पास एक पुल का निर्माण कार्य शुरू करवाया था। तब दोनों देशों के बीच तनाव गहरा गया था। दोनों ओर से सीमा पर सेना की तैनाती बढ़ा दी गई थी। इसी बीच गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच भीषण झड़प हुआ था। जिसमें दोनों ओर से कई सिपाही शहीद हुए थे। अभी जो पुल बन रहा है वह भारत से सटे एलएसी के बेहद करीब है।
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डेट्रस्फा ने जो सैटेलाइट इमेज जारी की है, उससे पता चलता है कि दूसरा पुल पहले ब्रिज से सटा हुआ है। दूसरा पुल पैंगोंग झील के दोनों छोर यानी उत्तर और दक्षिण दोनों तरफ से बनाया जा रहा है। दूसरा पुल पहले वाले पुल से सटा हुआ है जिसका निर्माण हाल ही में चीन ने पूरा किया है। हालांकि भारत की ओर से अभी तक इस दूसरे पुल को लेकर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
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माना जा रहा है कि या तो चीन की पीएलए सेना आने और जाने के लिए अलग-अलग पुलों का निर्माण कर रही है। या फिर हो सकता है कि एक पुल पैदल-सैनिकों के लिए हो और दूसरा टैंक, आर्म्ड पर्सनेल कैरियर (एपीसी) और दूसरे मिलिट्री-व्हीकल्स के लिए हो। बता दें कि करीब 140 किलोमीटर लंबी पैंगोंग झील का दो तिहाई हिस्सा यानी करीब 100 किलोमीटर चीन का है। ऐसे में चीन के सैनिकों को एक छोर से दूसरे छोर जाने के लिए या तो बोट का सहारा लेना पड़ता है या फिर पूरा 150 किलोमीटर घूम कर आना पड़ता है। नए पुल के बनने से एक छोर से दूसरे छोर पर पहुंचना बेहद आसान हो गया है।