रिपोर्ट में हुआ खुलासा
भारत के निवेश परिदृश्य में कॉरपोरेट पूंजीगत निवेश, हाउसिंग और सरकारी खर्च की हिस्सेदारी क्रमश: 35, 40 और 25 प्रतिशत है। रिपोर्ट में आगे कहा गया कि घरेलू निवेशकों की संख्या बढ़ने के कारण शेयर बाजार में निवेश बढ़ा है और रिटेल निवेशकों की बाजार हिस्सेदारी अपने सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
घरेलू निवेशक म्यूचुअल फंड और शेयरों में कर रहे हैं निवेश
घरेलू निवेशक हर महीने करीब 7 अरब डॉलर से ज्यादा की राशि म्यूचुअल फंड और शेयरों में निवेश कर रहे हैं। हालांकि, बाजार में वैल्यूएशन अधिक होने के कारण आने वाले समय में इसमें हल्की नरमी देखने को मिल सकती है।
रियल एस्टेट में हो रहा है इजालाफ
बता दें, भारत में कोरोना महामारी के बाद बड़े और छोटे शहरों में रियल एस्टेट की मांग में तेज इजाफा देखने को मिला है। बीते हफ्ते सिंगापुर की रियल एसेट मैनेजर कंपनी कैपिटालैंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड (सीएलआई) द्वारा भारत में अपने फंड अंडर मैनेजमेंट (एफयूएम) 2028 तक बढ़ाकर 14.8 अरब सिंगापुर डॉलर (भारतीय रुपये में 90,280 करोड़) करने का ऐलान किया है, जो कि फिलहाल 7.4 अरब सिंगापुर डॉलर है। भारत की जीडीपी वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत
देश में रियल एस्टेट के तेजी से बढ़ने का फायदा अर्थव्यवस्था को मिल रहा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के मुताबिक भारत की जीडीपी 2024-28 के बीच 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत थी।